बाघ एवं हाथियों के विचरण से दहसत मे अनूपपुर,जैतहरी के ग्रामीण अंचल......
दहसत में कट रहा हर एक पल
शशिधर अग्रवाल
अनूपपुर :- जिले में वर्तमान समय दो नर हाथियों के साथ मादा बाघ के निरंतर विचरण से अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील,थाना एवं वन परिक्षेत्र के ग्रामीण निरंतर परेशान एवं दहशत की स्थिति में जीने को मजबूर हैं जिन्हें वन्यप्राणियों से निजात मिले इस संबंध में कोई उपाय नहीं सोच रहा है,जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र के साथ अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण रात-रात भर जाग कर अपने टोला,मोहल्ला एवं गांव पर निरंतर नजर बनाए रखते हैं वही प्रशासन एवं वनविभाग भी प्राकृतिक तौर पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर करने हेतु निगरानी दल के माध्यम से गस्ती करा कर ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने की बात कर रहे हैं।
अनेकों ग्रामों के ग्रामीणों में विगत माह अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील एवं अमरकंटक वन परिक्षेत्र में 2 दिसंबर को आयी एक मादा टाइगर कुछ दिनों तक ग्राम पंचायत लपटी के मेढाखार के आबादी वाले क्षेत्र में भैंस के बच्चे का शिकार कर कुछ दिन ठहरने बाद छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के विभिन्न अंचलों में विचरण करने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में विचरण कर रही थी जिसे चिरमिरी के हल्दीबाड़ी में वनविभाग के द्वारा रेस्क्यू कर कॉलर आईडी पहनाकर अचानक मार्ग टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण हेतु छोड़ा रहा है कुछ दिन रहने बाद फिर से छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न क्षेत्र में वितरण करते हुए 8-10 दिन पूर्व अमरकंटक क्षेत्र के जलेश्वर एवं उमरगोहान इलाके के जंगल में ठहरते हुए जैतहरी से अनूपपुर,तहसील,वन परीक्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में निरंतर विचरण कर रही है मादा टाइगर को देर रात आबादी वाले क्षेत्रों में विचरण करते आने पर ग्राम पंचायत ताराडांड के बैरहनीटोला,ताराडांड तिराहा,ग्राम पंचायत लखनपुर के पचडीपानी आदि क्षेत्रों में देखा ग्रामीणों ने गया वहीं ग्राम पंचायत लखनपुर के अगरियानार क्षेत्र में जंगल के बीच बसे ग्राम पचडीपानी के बैगा बहुल्य बस्ती में सोमवार की रात मादा टाइगर पहुंचकर फूल सिंह बैगा के एक माह के बछड़े का को पकड़कर घसीट कर बरमसिया की ओर ले गई इस बीच ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर यह आगे की ओर चली गई। वहीं विगत 22 दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य से आए दो प्रवासी नर हाथी कई दिनों से वन परिक्षेत्र,थाना,तहसील जैतहरी के ग्राम पंचायत गोबरी में स्थित गोबरी गांव के जंगल में दिन में ठहरने/विश्राम करने के बाद देर रात होने पर गोबरी,पगना,बांका ठेंगश्रहा,गोसरी के भदराखार टोला,मोहल्ला में अचानक पहुंचकर ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखे तथा खेतों में लगे विभिन्न प्रजाति के अनाजों को अपना आहार बना रहे हैं दोनों वन्यप्राणियों की निरंतर उपस्थित एवं विचरण के कारण क्षेत्र के साथ अनेको ग्रामों के ग्रामीण डरे एवं सहमे हुए हैं जिन्हें दोनों वन्यप्राणियों से निजात मिल सके का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है वहीं जिला प्रशासन एवं वनविभाग गश्ती दल का गठन कर ग्रामीण एवं ग्राम पंचायतो के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीणों को सतर्क एवं सावधान रहने के संबंध में मुनादी एवं अन्य माध्यमों से सजक कर रहे हैं सोमवार की देर रात दोनों हाथियों ने गोबरी पंचायत के ठेंगरहा एवं भदराखार टोला,मोहल्ला में तीन ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ एवं 6 ग्रामीणों के खेतों में लगी सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए मंगलवार की सुबह फिर से विगत 3 वर्षों से बना कर रखें रहवास स्थल गोबरी के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं दोनों प्रवासी नर हाथी मंगलवार की देर रात किस ग्राम,टोला,मोहल्ला में पहुंचकर हंगामा करेंगे यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा।