संयुक्त किसान मोर्चा व संयुक्त ट्रेड यूनियन ने अनूपपुर इंदिरा तिराहे पर आमसभा करने के उपरांत एसडीएम अनूपपुर को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर :- इंदिरा तिराहा पर आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश किसान सभा के जिला अध्यक्ष कामरेड रमेश सिंह राठौर ने कहा कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान धान ₹3100 किवंटल व अन्य फसलों का कीमत बढ़ाने का वादा भाजपा ने किया था किंतु भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद उक्त वायदे को भूल गया है । चुनावी सभा में श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी का स्लोगन जोर-शोर से उछाला गया लेकिन मध्य प्रदेश में मोदी की गारंटी भी फेल साबित हुई । बगल के राज्य छत्तीसगढ़ में धान ₹3100 क्विंटल का भाव दिया जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार किसान को धान का ₹3100 का भाव नहीं दिया । कामरेड राठौर ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा व अन्य संगठन किसानों के फसल की कीमत को लागत का डेढ़ गुना करने की मांग करते हैं और यह मांग कोई पहली मांग नहीं है, सरकार ने पहले भी संयुक्त किसान मोर्चे के आंदोलन में इसे पूरा करने का आश्वासन दे चुका है उन्होंने आदिवासी अस्मिता के सवाल पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासियों के जल, जंगल ,जमीन व खनिज संपदा को ओने पौने दाम पर बड़े उद्योगपतियों को देने जा रही है और इस काम में कोई बाधा उत्पन्न ना हो इसलिए देश में आदिवासी राष्ट्रपति व छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया है जो लगातार आदिवासियों के जमीन व खनिज संपदा को हस्ताक्षर कर दे रहे है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासियों के जल जंगल जमीन व खनिज संपदा को अडानी अंबानी को देने से मना कर बीजेपी कि केंद्र सरकार की बात नहीं सुनी तो उन्हें जेल में डाल दिया गया, ऐसा प्रतीत होता है भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासी अस्मिता को खत्म कर उनके जल ,जंगल, जमीन को आदिवासी बाहुल्य एरिया में खनिज संपदा को अडानी अंबानी जैसे बड़े पूंजीपतियों को देने के फिराक में है । शहडोल संभाग और अनूपपुर जिले के सिंचाई सुविधाओं के लिए विशेष पैकेज की मांग भी उन्होंने किया ।
अखिल भारती किसान सभा* के संयुक्त सचिव कामरेड *बादल सरोज* ने आम सभा को संबोधित करते हुए कहा की 26 नवंबर के दिन ही संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सिंधु बॉर्डर टिकरी बॉर्डर जहां किसानों के आंदोलन को रोक दिया गया था लगातार 1 साल तक प्रदर्शन करते रहे इस ऐतिहासिक लड़ाई को किसानों ने जीत कर ही आंदोलन खत्म किया । किसानों के संघर्ष का ही नतीजा था की तीन काले कृषि कानून वापस हुए ।
ऐतिहासिक किसान आंदोलन को समाप्त करते समय केंद्र की श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की कर्ज माफ करने का लिखित आश्वासन दिया था । किसानों का फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी) लागत का डेढ़ गुना करने का लिखित आश्वासन दिया था ,जिसे पूरा नहीं किया गया । इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा पूरे देश के अंदर जिला मुख्यालय पर यह प्रदर्शन कर रहा है यदि मांगे नहीं मानी गई तो यह आंदोलन और तेज होगा । उक्त आशय की जानकारी सीटू नेता कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने देते हुए बताया कि आम सभा को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड जनक राठौर, भूपेश शर्मा , सीटू के जिला अध्यक्ष कामरेड रामू यादव, मध्यप्रदेश किसान सभा के जिला महासचिव कामरेड दलवीर केवट कामरेड भगवान दास , कामरेड अफसाना बेगम , सहित आदि वक्ताओं ने संबोधित किया ।