अमरकंटक नर्मदा तट रामघाट में पंच दिवसीय महारुद्राभिषेक महारुद्र यज्ञ हुआ प्रारंभ
नर्मदा परिक्रमा मध्य तृतीय चातुर्मास व्रत यज्ञ , सत्संग , महायज्ञ , रुद्राभिषेक , दीपोत्सव मना रहे-स्वामी ज्ञानेश्वरानंद गिरी जी
श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक :- मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में आज शनिवार कार्तिक शुक्ल गोपाष्टमी शुभ दिवस 09/11/2024 से 13/11/2024 कार्तिक शुक्ल द्वादश , चातुर्मास समाप्ति के पवन दिवस तक अमरकंटक नर्मदा उद्गम स्थल के रामघाट उत्तर तट पर महारुद्राभिषेक महारुद्र यज्ञ , संतो का प्रवचन , सत्संग , कीर्तन भजन , देवउठनी ग्यारस को नर्मदा नदी पर दीप दान तथा प्रदोष व्रत को हवन बाद समाप्ति का संकल्प लिया गया है , जो आज से प्रारंभ कर दिया गया है ।
सुबह भव्य कलश यात्रा यज्ञ मंडप से प्रारंभ कर संतो , भक्तो की भारी संख्या बीच गाजे बाजे , संगीर्तन की ध्वनि मध्य नगर भ्रमण कर यज्ञ मंडप वापस पहुंच पूजा अर्चन बाद महारुद्राभिषेक महारुद्र यज्ञ की शुरुआत की गई ।
स्वामी श्री ज्ञानेश्वरानंद गिरी जी महाराज ने बताया की हमने नर्मदा जी की परिक्रमा देवउठनी एकादशी को ओंकारेश्वर दक्षिण से 17 अक्तूबर 2022 से प्रारंभ की थी । हमारी यह नर्मदा परिक्रमा 03 साल 03 मास 13 दिवस की संकल्पित परिक्रमा उठाई है और अभी बांकी परिक्रमा 18 माह की और बची है । नर्मदा परिक्रमा करते हुए जन्हां भी चातुर्मास रुक कर करते है वहीं पर महारुद्राभिषेक महारुद्र यज्ञ आदि करके आगे की परिक्रमा प्रारंभ करते है । अमरकंटक में यह तृतीय यज्ञ किया जा रहा है ।
जगत जननी अमृतस्य "मां नर्मदा" नर्मदे हर महामहोत्सव श्री श्री जगत गुरु जनार्दन स्वामी मौन गिरी जी महाराज की असीम कृपा से जगत जननी मां नर्मदा मैया के आशीर्वाद से श्री बाबा जी के कृपा पात्र शिष्य श्री महंत ज्ञानेश्वरानंद गिरी जी (माउली) महाराज की प्रमुख माता नर्मदा परिक्रमा व्रत अंगुभूत तथा तृतीय चातुर्मास व्रत समारोह निमित्त भव्य दिव्य नव कुंडात्मक श्री महारुद्र स्वहाकार तथा असंख्य पार्थिव लिंगार्चन रुद्र पूजने सत्संग समारोह , महाभिषेक , लक्ष्य दिव्य दीपोत्सव , भव्य सहस्त्र कुमारिका पूजन , संत पूजन , सेवा संघ कार्यकर्ता सम्मान , राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद कार्यकर्ता सम्मेलन , वृक्ष संवर्धन संगोपन संकल्प , गौ संरक्षण संकल्प , निराधार सहायतार्थ शिविर , दिव्य नर्मदा महापूजन तथा कार्तिक मास पर्वकाल महाभंडारा 9से13 महामृतुंजय आश्रम , नर्मदा तट श्री क्षेत्र अमरकंटक में प्रारंभ हो गया है ।