अनुपपुर जिले में प्रथम एनएएस मॉक परीक्षा का सफल आयोजन
अनूपपुर :- दिनांक 3 सितंबर 2024 को अनुपपुर जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम एनएएस मॉक परीक्षा का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह परीक्षा कक्षा 3 और 6 के छात्रों के लिए आयोजित की गई थी।
निरीक्षण और संतोष
जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) **महेंद्र यादव** ने तीन ब्लॉकों में प्रत्येक ब्लॉक के एक विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने परीक्षा के आयोजन की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया।
उपस्थिति और निर्देश
कुछ विद्यालयों में उपस्थिति संतोषजनक नहीं थी। इस पर **डीपीसी ने निर्देश दिया** कि वे छात्रों को दोपहर के सत्र में स्कूल बुलाकर परीक्षा दिलवाएं।
अन्य अधिकारी एवं उपस्थिति
इस निरीक्षण के दौरान **एपीसी अकादमिक संतोष तिवारी** और **निपुण प्रोफेशनल आदित्य तिवारी** भी उपस्थित थे। उन्होंने भी परीक्षा के आयोजन की प्रक्रिया का अवलोकन किया और आवश्यक सुझाव दिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार, अनुपपुर जिले में एनएएस मॉक परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिससे छात्रों की शैक्षणिक प्रगति का मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी।
**दिनांक:** 3 अक्टूबर 2024
**स्थान:** अनूपपुर DIET
**कार्यक्रम:** गणित FLN DRGs प्रशिक्षण सत्र
आज अनूपपुर DIET में गणित FLN DRGs के लिए एक अर्धदिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में APC अकादमिक संतोष तिवारी और निपुण प्रोफेशनल आदित्य तिवारी द्वारा *Early School Mathematics Learning Kit* के उपयोग का प्रदर्शन किया गया।
प्रमुख बिंदु
1. **प्रारंभिक गणित शिक्षण किट का प्रदर्शन:** संतोष तिवारी और आदित्य तिवारी ने किट के विभिन्न घटकों और उनके उपयोग के तरीकों का विस्तारपूर्वक प्रदर्शन किया।
2. **मिशन अंकुर सामग्री के साथ एकीकरण:** विशेष बल इस बात पर दिया गया कि इस गणित शिक्षण किट को मिशन अंकुर सामग्री के साथ कैसे एकीकृत किया जा सकता है ताकि बच्चों के सीखने के अनुभव को समृद्ध बनाया जा सके।
3. **सत्र की आकर्षकता:** कुल मिलाकर, यह सत्र अत्यंत आकर्षक रहा।
आगामी योजना
अगले सप्ताह, ये DRGs सभी विद्यालय शिक्षकों के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को यह सिखाया जाएगा कि वे अपने विद्यालयों में इस किट का उपयोग कैसे करें और इसे मिशन अंकुर सामग्री के साथ प्रभावी ढंग से कैसे एकीकृत करें।
निष्कर्ष
यह प्रशिक्षण सत्र न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि बच्चों के सीखने के अनुभव को भी समृद्ध बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।