नर्मदा भवन में डिनर और कागजों में निर्देश, व्यवस्था के ढुलमुल रवैये ने लांघी सारी सीमाएं - सीटू publicpravakta.com


नर्मदा भवन में डिनर और कागजों में निर्देश, व्यवस्था के ढुलमुल रवैये ने लांघी सारी सीमाएं  - सीटू


जैतहरी :-  वैसे जिन्हें जरा भी लाज - शरम आती हो उसे डूब मरने के लिए चुल्लू भर पानी पर्याप्त है लेकिन प्रकृति ने अनूपपुर जिला में बेशर्मों को डूब मरने के लिए सोन नदी, केवई नदी, जोहिला नदी, और तिपान नदी में अथाह पानी की व्यवस्था बना रखी है। मोजर बेयर प्रबंधन को पुनर्वास नीति का पालन करवाने में जिला प्रसाशन अब तक असफल साबित हुआ है या यूं कहें कि जिला प्रसाशन का रवैया ढुलमुल रहा है ।  उक्त बातें संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने आज दिनांक 20 अक्टूबर 2024 को सोन नदी में बने बैराज पहुंच मार्ग महुदा क्योंटार में 16 अक्टूबर से जारी धरना प्रदर्शन स्थल में आयोजित पदयात्रा के लिए तैयारी बैठक में कहा । 

उन्होंने कहा कि विगत दिवस 9 अक्टूबर को मध्य प्रदेश सरकार के प्रशासन तंत्र एवं जिला अनूपपुर के कानून व्यवस्था का पालन करवाने वाले जिम्मेदार अफसर मोजर बेयर पावर प्लांट के द्वारा बनाया गया नर्मदा भवन अर्थात वीआईपी होटल में डिनर करते हुए प्रबंधन को निर्देश दिया है कि पुनर्वास नीति का पालन करवाने ग्राम अमगवा, गुवारी एवं लहरपुर में शिविर लगाकर समस्या का निराकरण करवाए जाएं।

*कामरेड जुगुल राठौर ने कहा कि यह दिखावे और पाखंड के सिवा कुछ भी नहीं है । यह पहला मौका नहीं है कि जिला प्रशासन के द्वारा जन चौपाल एवं जन समस्या निवारण शिविर ना लगाया गया हो, शिविरों की दिखावटी कार्यवाही  से  किसान एवं मजदूरों की हालात में कोई बदलाव नहीं आया है बल्कि मोजर वेयर पावर प्लांट के प्रबंधन यहां के किसान एवं मजदूरों के साथ गुलामों की तरह व्यवहार कर रहा है ।* 

उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में ऐसा कोई मांग नहीं है जो पुनर्वास के शर्तों एवं श्रम कानून के दायरे से बाहर हो, लेकिन हम लगातार शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करके शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं किंतु समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है। उन्होंने कहा कि  *मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रबंधन जानबूझ करके औद्योगिक विवाद को बढ़ाना चाहता है जो कि दंडनीय अपराध है ।*  यदि जिला प्रशासन मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रभावित किसान , अतिक्रामक तथा अन्य काश्तकारों एवं स्थानीय लोगों तथा मजदूरों का जरा भी चिंता है तो पुनर्वास के शर्तों का एवं श्रम कानूनों का अक्षरशः  पालन करवाए । इसी काम के लिए उनकी नियुक्ति किया गया है एवं जनता के खजाने से उन्हें लाखों रुपए वेतन एवं सुविधाएं दी जा रही है । 

*उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी साथियों से अपील किया है कि यह लड़ाई " करो या मरो " के नारा को चरितार्थ करने जंग के मैदान में उतरेगी। 22 अक्टूबर से पदयात्रा एवं 23 अक्टूबर को डेरा डालो घेरा-डालो आंदोलन करके मध्य प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की सोई हुई संवेदना को जगाने का काम करेंगी । बैठक में प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश किसान सभा जिला समिति अनूपपुर के महासचिव कामरेड दलबीर केवट, माकपा के जिला सचिव कामरेड रमेश सिंह राठौर, कामरेड ओमप्रकाश राठौर, कामरेड मोतीलाल रजक, कामरेड राजकुमार राठौर, सहित सभी युनियन पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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