कब मनाई जाएगी नवरात्रि की अष्टमी और नवमी जाने ज्योतिषाचार्य अखिलेश त्रिपाठी से
अनूपपुर :- ज्योतिषाचार्य पंडित हलधर तिवारी एवं ज्योतिषाचार्य अखिलेश त्रिपाठी अनुसार, इस साल नवरात्रि में अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन मनेगी जिसके पीछे का कारण तिथियों का घटना व बढ़ना है। अष्टमी का प्रारंभ 10 अक्टूबर को दोपहर 7.30 बजे के बाद होगा, ऐसे में इस दिन सप्तमी तिथि भी मिल रही है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि का व्रत रखना वर्जित है, इसलिए अष्टमी का व्रत अगले दिन यानी 11 अक्टूबर को रखा जाएगा निशा पूजन एवं महागौरी की पूजा 10 अक्टूबर को ही की जाएगी व्रत के लिए बताया गया है कि सप्तमीयुक्त व्रत नहीं रहना चाहिए इसलिए माताएं बहने 11 तारीख को व्रत रखेंगे और इस दिन ही नवमी भी मनाई जाएगी। इस साल अष्टमी व नवमी एक ही दिन पड़ रही हैं।
हर साल नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्याओं को जिमाया जाता है, जिसे कन्या पूजन कहते हैं। अखिलेश त्रिपाठी जी ने खाते है कि मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही साधक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। वहीं शारदीय नवरात्रि का पर्व अब समाप्ति की ओर है। ऐसे में अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन किया जाएगा। हालांकि इस बार तिथि को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआव्रत पारण का समय
पंचांग के अनुसार 11 अक्तूबर 2024 को अष्टमी और नवमी एक दिन है। ऐसे में 10 अक्तूबर को मां महागौरी देवी की पूजा भी कर सकते हैं। इस दौरान 11 अक्तूबर को दोपहर 12.06 तक अष्टमी तिथि है। इसलिए अष्टमी को व्रत का पारण करने वाले लोग इस मुहूर्त में उपवास खोल सकते हैं। इसके बाद की तिथि नवमी है
ज्योतिषाचार्य अखिलेश त्रिपाठी बताते हैं कि सप्तमीयुक्त अष्टमी व्रत नहीं रखा जाता है इसलिए व्रत 11 अक्टूबर को रखें लेकिन पूजन जो है 10 अक्टूबर को ही महागौरी का होगा महागौरी की पूजन एवं निशा पूजा मां गौरी की 10 अक्टूबर को ही होगी एवं 9 दिन नवरात्रि होने के कारण तिथि वृद्धि में व्रत 11 तारीख को अष्टमी और नाव में दोनों का व्रत एक साथ रखा जाएगा शास्त्रों में प्रमाण है कि सप्तमीयुक्त अष्टमी व्रत नहीं रहना चाहिए इससे पुण्य का छह होता है इसलिए व्रत 11 तारीख को रखें एवं महागौरी की पूजन 10 अक्टूबर को ही करें