कड़ी धूप, बारिश और कड़ाके की ठंड में भी पवित्र नगरी अमरकंटक के सफाई कर्मी निभाते है अपनी जिम्मेदारी publicpravakta.com

 


कड़ी धूप, बारिश और कड़ाके की ठंड में भी 
पवित्र नगरी अमरकंटक के सफाई कर्मी निभाते है अपनी जिम्मेदारी 


  श्रवण उपाध्याय 


 अमरकंटक :- मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक जो पर्यटक स्थल भी है । यंहा पर रोजाना दूर दराज से सैकड़ों पर्यटक / श्रद्धालु / तीर्थ यात्री देश विदेश से भी पर्व व अन्य प्रमुख दिनो में यहां आते जाते रहते है । धार्मिक स्थल / पर्यटक स्थल होने के कारण बहुतायत संख्या में लोग पहुंचते हैं  । खाने पीने के समान जैसे पानी बोतल , पैकिंग युक्त खाने के सामान आदि साथ भी लाते है । अपने पसंद वाले स्थल , जंगल बिच , नदी तट आदि स्थानों पर बैठ स्वल्पाहार , भोजन आदि बड़े प्रेम पूर्वक पाते है तथा आस पास पहुंचे बंदरों , कुत्तों आदि जैसे को भी कुछ चीजों को उन्हे भी खिलाते है । जिस कारण भी उन जगहों पर कचड़ा फैल जाता है ।

मंदिर भ्रमण , धार्मिक स्थलों के दर्शन करते वक्त नारियल , अगरबत्ती , फल , फूल आदि अनेक वस्तु श्रद्धा भाव से अर्पण करते है । इन वस्तुओं के अवशिष्ट भी अनेक जगह फैल जाते है ।सड़को पर मवेशी रोड पर विचरण  करती है , जगह जगह गोबर आदि अनेक वजह से उत्पन्न कचड़ा के कारण भी रोजाना सफाई कर्मियों को अपने दायित्व का निर्वहन लगातार करते रहना पड़ता है । अमरकंटक में पूरे बरसात के मौसम में सफाई कर्मचारी खूब पसीना बहाते है कारण की तेज बारिश के कारण ऊंचे स्थानों का पानी बहकर आम रास्ता , सड़क पर बह नदी बन जाती है जिससे पानी के साथ गिट्टी पत्थर , मुरूम , मिट्टी आदि बहकर आने से तथा नालियो में बहने से जाम की स्थिति आदि से सफाई कर्मियों की हालत परास्त कर देने वाले दिन हो जाते है । फिर भी सफाई कर्मचारी अपनी पूरी निष्ठा और लगन से अपने नगर की साफ सफाई कर साफ सुथरा बनाए रखने में कोई कोर कसर नहीं रखते ।

सफाई कर्मी शारदा प्रसाद मोंगरे और अजय समुंद्रे बताते है की बरसात के दिनो मे सफाई करना बड़ा कठिन कार्य है । नगर में कचड़ा रोजाना होना आम बात है । कुछ दुकानदार , होटल वाले इस ओर ध्यान कम रखते है । 

सीएमओ (न.परि.) भूपेंद्र सिंह बघेल ने बताया की बारिश में सफाई कर्मियों को रैनकोट , गमबूट , हैंडग्लब्स , साबुन और ठंडी में कंबल प्रदान किया जाता है ।

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