गालीबाज परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला पर गिरी निलंबन की गाज, प्रभारी सब इंस्पेक्टर मीनाक्षी गोखले को अभयदान, शासन/प्रशासन की कार्यवाही पर प्रश्नचिह्न publicpravakta.com


गालीबाज परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला पर गिरी निलंबन की गाज, प्रभारी सब इंस्पेक्टर मीनाक्षी गोखले को अभयदान,सरकार की कार्यवाही पर प्रश्नचिह्न 


अनूपपुर :- जिला अन्तर्गत बरतराई स्टेट हाईवे पर पत्रकारों से बदसलूकी की शिकायत वायरल होने के बाद मप्र सरकार ने कार्यवाही करते हुए परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला को परिवहन आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। लेकिन वायरल वीडियो में पत्रकारों को अमर्यादित भासा का प्रयोग करने और गाली बकने में ऋतु शुक्ला के अलावा एक और महिला पुलिस दिखाई दे रही है माना जा रहा है कि वह  परिवहन उड़न दस्ते की प्रभारी सब इंस्पेक्टर मीनाक्षी गोखले है, लेकिन परिवहन आयुक्त ने उक्त मामले में सिर्फ आरक्षक ऋतु शुक्ला को निलंबित किया है लेकिन परिवहन उड़न दस्ते की प्रभारी सब इंस्पेक्टर मीनाक्षी गोखले पर अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नही हुई है जबकि उक्त मामले में दोनों की भासा और व्यवहार आपत्तिजनक है, लेकिन एक ही मामले में एक पर कार्यवाही और एक अभयदान सरकार की मनसा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे है ? कही सरकार मामले  को शांत करने के लिए ऋतु शुक्ला को बली का बकरा बना रही है या फिर आने वालों दिनों में निलंबन की कीमत पर कोई बड़ा इनाम देने वाली है .....? 


मामले से जुडे सूत्रों के अनुसार 


अनूपपुर जिला अन्तर्गत बरतराई  स्टेट हाइवे ( रामनगर चेक पोस्ट ) के पास परिवहन विभाग प्रभारी सब इंस्पेक्टर बतलाई जा रही मीनाक्षी गोखले और आरक्षक ऋतु शुक्ला का दो  वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमे वे पत्रकारों के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पत्रकारों को का‌म करने से रोकते हुए धमका रही हैं। वो दोनो पत्रकारों और पत्रकारिता की जमकर लानत - मलानत करते हुए उन्हे मारने दौड रही हैं और एस सी / एस टी एक्ट लगवाने की धमकी दे रही है। इस वायरल वीडियो की जांच हो और यदि इसमें सत्यता है तो नियमत: कार्यवाही होनी चाहिए,उनका यह आचरण अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है।

  कोई भी व्यक्ति या अधिकारी / कर्मचारी पत्रकारों को उनका कार्य करने से नहीं रोक सकता। इस वायरल वीडियो की जांच हो और यदि इसमें सत्यता है तो नियमत: कार्यवाही होनी चाहिए उक्त वर्दीधारी अधिकारी/ कर्मचारी का यह आचरण अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है और उन तथाकथित पत्रकारों जिन्हे उक्त अधिकारी दो सौ - पांच सौ में खरीदती रही है ,उन सबके विरुद्ध भी रिश्वतखोरी का मामला दर्ज होना चाहिए

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