बदहाल हुई जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, टार्च की रोशनी में मरीजों का होता इलाज, रात्रि डयूटी से नदारत रहते है शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बघेल publicpravakta.com

 


बदहाल हुई जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, टार्च की रोशनी में मरीजों का होता इलाज, रात्रि डयूटी से नदारत रहते है शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बघेल 


प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है, मगर अनूपपुर जिला चिकित्सालय का  अलग ही नजारा है। जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों को संसाधन की कमी से जूझना पड़ रहा है। तो वहीं मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा हैं। वार्ड में बिजली न होने से डॉक्टरों व नर्स को टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना मजबूरी बन चुका है।

जिला चिकित्सालय वैसे भी विषय विशेषज्ञ डॉक्टरो की कमी से जूझ रहा है तो वही कुछ विषय विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी ड्यूटी करने में भी आनाकानी कर रहे है जिला चिकित्सालय के ज्यादातर डॉक्टर अपनी सेवाएं मरीजो को तत्परता से दे रहे है लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बघेल के रात्रि डयूटी से गायब रहने की शिकायतें लगातार आती रहती है ? बावजूद इसके सीएमएचओ और सिवल सर्जन मासूम बच्चो के प्रति गम्भीर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर पर अब तक कोई भी कार्यवाही करने में नाकाम रहे है ?



अनूपपुर :- आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले के जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए आए मरीज व डाक्टर सहित स्टाफ को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय के महिला मेडिकल वार्ड में बिजली गुल होने से दिन के उजाले में भी अंधेरे में डूबा रहता है। अव्यवस्थाओं को जानते हुए भी स्वास्थ्य अधिकारी समस्याओं को दुरुस्त नहीं करवा पा रहीं हैं, जिसके कारण यहां के डॉक्टर और स्टाफ को दिन हो या रात मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज करना पड़ता रहा है। व्यवस्थाओं की जिम्मेंदारी संभालने वाले इतने गैर जिम्मेदार हो चले है कि माहभर से महिला वार्ड में बिजली की समस्या का समाधान नहीं करा पा रहें हैं। हालात यह है कि महिला मेडिकल वार्ड में मरीजों की देखभाल करने वाले मेडिकल स्टाफ के साथ मरीजों के परिजनों को अंधेरे में ही इलाज कराना पड़ रहा है। परिजनों का कहना है कि इस सम्बंध में मौजूद स्टाफ नर्स से कई बार शिकायत की गई, लेकिन इस अब तक बिजली के सुधार में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जिला अस्पाताल की मेटरनिटी भवन के उपर मंजिल पर संचालित महिला मेडिकल वार्ड में पिछले एक माह से बिजली की समस्याल बनी हुई है। वार्ड में लगी ट़यूब लाइट और बल्ब मानो आंख मिचौली खेल रहें हो, दिन के उजाले में मरीजों व परिजनों का समय तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन शाम होते ही बिजली की आंख मिचौली शुरू हो जाती है। बल्ब और ट़यूब लाइट 10 मिनट जलने के बाद गुल हो जाती है, और लगभग घंटाभर बाद पुन उपस्थिति दर्ज कराती है, यह सिलसिला रातभर बना रहता है।



टार्च की रोशनी में मरीजों का इलाज, अप्रिय घटना की आशंका 


महिला मेडिकल वार्ड में ऑपरेशन उपरांत इलाजरत महिलाओं को रखा जाता है। इनमें कई गंभीर लेकिन हालात सामान्यट स्थिति की भी मरीज होती है। जिन्हें ऑक्सीाजन सहित अन्य मेडिसीन चढाए जाते हैं, लेकिन इनके इलाज के प्रति स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। यहां मरीजों को टार्च की रोशनी में दवा चढ़ाया जाता है, वहीं परिजन भी टार्च की रोशनी में अपने मरीजों की देखभाल करते है। जबकि यहां सुरक्षा को लेकर जिला अस्पताल की ओर से कोई विशेष व्यवस्था नहीं बनाई गई है। जिसके कारण रातभर परिजनों को अप्रिय घटना के साए में समय गुजारना पड़ता है। वैसे भी जिला अस्पताल में मोबाइल, पर्स सहित अन्य कीमती सामानों की चोरी सामान्या घटना बनी रहती है।


रात्रि डयूटी से नदारद रहते है शिशु रोग विशेसज्ञ डॉ बघेल


 कुँवर सिंह पाव पिता नरेश सिंह पाव उम्र 10 साल ग्राम चंदरौठी ( कोठी ) बिजुरी के पास से व प्रिंस प्रजापति पिता उमेश प्रजापति निवासी वार्ड न. 9,  एक अगस्त को रात्रि 9 बजे इलाज के लिए जिला अष्पताल अनूपपुर आए पूरी रात परेशान रहे लेकिन इलाज नही मिला बच्चो के वार्ड में 01 अगस्त को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बघेल की ड्यूटी थी लेकिन डॉ बघेल  रात्रि डयूटी से नदारद रहे जिस वजह से दो मासूम बच्चो को समय पर इलाज नही मिल पाया ।

02 अगस्त की सुबह डॉ प्रजापति के द्वारा कुँवर सिंह का इलाज किया गया और बच्चे को कच्चा प्लास्टर बांधा गया । तो वही प्रिंस प्रजापति का इलाज भी 2 अगस्त को सुबह डॉ परस्ते के द्वारा किया गया ।


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