बरने नदी में बाढ़ आने से कई घंटे तक फंसे रहते हैं स्कूली बच्चे व राहगीर
अनिल जायसवाल
कोतमा :- मध्य प्रदेश में लगातार जोरदार बारिश होने से कई शहर से लेकर गांव में पानी भरा हुआ है नदी तालाब अपने ऊफान पर है ऐसा ही मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित छत्तीसगढ़ बॉर्डर से लगा हुआ जनपद पंचायत अनूपपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोड़री नंबर 1 से गुजरने वाली बरने नदी मैं बाढ़ आने से आए दिन ही आवागमन प्रभावित रहती है ऐसा ही 7 अगस्त बुधवार को सुबह से ही जोरदार बारिश होने से बरने नदी में काफी बढ़ आ गई मध्य प्रदेश के कई दर्शन गांव से छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल तो चले गए लेकिन छुट्टी होने के पश्चात जब नदी के पास आये तो कनवाही स्थित छोटी सी पुल बनी है उसी से आवा गमन जारी रहती थी लेकिन बाढ़ इतनी रही कि पुल की कई मीटर ऊपर पानी चल रही थी जिससे बीच जंगल में सुनसान जगह पर स्कूली बच्चे एवं राहगीर 10 से 12 घंटा तक फंसे रहे लेकिन प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई भी सुरक्षा हेतु उपाय बॉर्डर पर नहीं किया गया है जिस नदी में बाढ़ आने से किसी भी तरह की दुर्घटना ना हो जबकि चुनाव के समय बॉर्डर में सैकड़ो पुलिसकर्मी एवं फोर्स की तैनाती कर दी जाती है लेकिन जब संकट की घड़ी बरसात अति है तो किसी भी तरह का की सुरक्षा के लिए साधन या प्रशासन की कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं रहते हैं जिससे आए दिन छोटी मोटी दुर्घटना होती रहती है ग्रामीणों ने कई बार ऊपर से लेकर नीचे तक प्रशासन को अवगत कराया कि यहां पर एक बड़ी सी पुल का निर्माण कराई जाए जो कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है आए दिन ही बरने नदी में बाढ़ आने से स्कूली बच्चों एवं राहगीर कई घंटे तक फंसे रहते हैं देखना होगा कि प्रशासन उक्त समस्या को लेकर कोई साधन या सूचना का बोर्ड या अन्य प्रकार के उपकरण रखवाती है या नहीं नहीं तो ऐसे ही जान को जोखिम में डालकर ग्रामीण नदी को पार करते रहेंगे ।