श्रम संहिताओं को वापस ले सरकार- सीटू publicpravakta.com

 


श्रम संहिताओं को वापस ले सरकार- सीटू


अनूपपुर :- सीटू के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आंगनबाड़ी जिला समिति अनूपपुर के द्वारा आज मुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया तहसीलदार के माध्यम से । कामरेड अफसाना बेगम ने बताया कि उमा सोनी को  6माह से  पेमेंट नही मिला वहीं बेला बाई एक वर्ष से  पेमेंट नहीं मिला है 


 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका से काम तो सरकार के द्वारा लिया जाता लेकिन देने के नाम से सरकार के पास कोई योजना नहीं होती है कामरेड संध्या शुक्ला ने बताया कि सरकार हम महिलाओं का शोषण कर रहीं हैं कामरेड दलवीर ने कहा कि केंद्र वा राज्य में बैठी सरकार मजदूर विरोधी किसान विरोधी नौजवान छात्र महिला विरोधी है अनूपपुर जिला मे हाथियों के द्वारा गोरगी ढिगरहा गांव में घर का क्षति हुई है उसका मुआवजा दिया जाय कामरेड दिलीप चौधरी ने बताया कि सरकार महिलाओं के साथ अत्याचार कर रही हैवही  मजदूरों को गुलाम बनाने वाली नितियो को लागू करने के लिए प्रयासरत हैं


इंद्रपती सिंह जिला महासचिव 

 ने बताया कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बाद एनडीए के रूप में गठित केंद्र सरकार ने अपने गठन के साथ 100 दिन की जो कार्य योजना बनाई है उसमें देश के मजदूरों को गुलाम बनाने वाली श्रम संहिताओं को लागू करने की है। गत 20 जून 2024 को केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के श्रम सचिवों तथा श्रम आयुक्तों की बैठक कर चार श्रम संहिताओं को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। 

आजादी के पहले और बाद में मजदूरों के संघर्षों और कुर्बानियों से बने 44 श्रम कानूनों में से 29 श्रम कानूनों को चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं (लेबर कोड) में बदल दिया गया है


 इससे 74% मजदूर सामाजिक सुरक्षा व 70% उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे । इन चार लेबर कोड्स में हड़ताल करने पर मजदूरों हेतु सख्त सजाओं का प्रावधान किया गया हैकेंद्र सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना पहले ही जारी कर दी है, जिससे मजदूर नियमित रोजगार से वंचित हो जाएंगे । मजदूरों के काम के घंटे को 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। यह सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, कोयला में एमडीओ रिवेन्यू शेयरिंग मॉडल तथा अन्य तरीकों से सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है 


 देश में संभवत पहला मामला है जहां मध्य प्रदेश के अंदर कानूनी रूप से न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के लिए निर्धारित 5 वर्ष के अंतराल के बाद होने वाले पुनरीक्षण को 9 वर्ष के बाद तमाम काट छांट करने के बाद लागू किया गया । केवल एक महीने मई 2024 के वेतन में यह मिला था, तथा

 उसके बाद उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ द्वारा जारी स्थगन आदेश के बहाने 24 मई 2024 को श्रम आयुक्त मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए इस आदेश से बढ़े हुए वेतन को भी वापस ले लिया गया।  इससे न सिर्फ यह वेतन वृद्धि छीन गई बल्कि मई 2024 में बढ़ी हुई राशि को भी वापस जबरन वसूली करने का अधिकार तमाम कारखाना मालिकों को मिल गया


  सिंह ने बताया कि इन कारगुजारीयो के चलते न्यूनतम वेतन कानून के दायरे में आने वाले मध्य प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा श्रमिक कर्मचारियों में कुशल को 1625 रुपए, अर्ध कुशल को 1764 रुपए, कुशल को 2109 रुपए तथा अति कुशल को 2434 रुपए मासिक कटौती झेलनी पड़ रही है  


जबकि देश के 

इन परिस्थितियों में हमारी मांग है की-

1. चारों काली श्रम संहिताएं (लेबर कोड्स) खत्म किए जाएं।

2.   सभी श्रमिकों के लिए 26000/- प्रति माह न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए


3. काम के घंटे बढ़ाने के लिए किए गए वैधानिक संशोधन रद्द किए जाएं।

4. सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम पेंशन 9000/- प्रति माह या उससे अधिक सुनिश्चित किया जाए। 

5. फिक्स्ड टर्म अपॉइंटमेंट की अधिसूचना को रद्द करते हुए सभी श्रमिकों के लिए नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा समान काम समान वेतन व अन्य हित लाभ सुनिश्चित किए जाएं।

6. कर्मचारी भविष्य निधि (इ.पी.एफ.), कर्मचारी पेंशन योजना (ई.पी.एस.)और एम्पलाइज डिपॉजिट लिक इंश्योरेंस (इ.डी.एल.आई.) का बकाया न चुकाने वाले नियोक्ताओं पर दंडात्मक शुल्क कम करने वाली अधिसूचना रद्द की जाए


7. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को खत्म करें तथा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी प्रकार के निजीकरण पर रोक लगाई जाए ।

8. आई.टी. और आइ.टी.ई.एस. को श्रम कानून से छूट देने वाली अधिसूचना रद्द की जाएं।

9.योजना कार्यकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों आशा आशा प्रवेक्षक मध्यान्ह भोजन कर्मियों तथा अन्य श्रमिक के रूप में मान्यता देते हुए उन्हें न्यूनतम वेतन व पेंशन इत्यादि सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाए


10. न्यूनतम वेतन के परिपेक्ष में मध्य प्रदेश सरकार हाई कोर्ट से स्थगन समाप्त करने हेतु मुस्तेदी से अपना पक्ष रखें।

11. सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएं।

12. मोजबियर पावर प्लांट में निकालें मजदूरों को वापस लो। 

13. जिन नियोजनों में न्यूनतम वेतन लागू है वहां 8 घंटे के कार्य दिवस पर आधारित न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित करते हुए अतिरिक्त कार्य हेतु नियमानुसार दुगनी दर से भुगतान सुनिश्चित किया जाए


14 कोयला उद्योग में अर्जित भूमि के बदले रोजगार अविलंब दो

15 अनूपपुर जिला मे संचालित पावर प्लांट एवं कोयलांचल क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाय

16 कोयला  क्षेत्र में लगे ठेका मजदूरों 10. 12 वर्षों से काटी गई सी एम पी एफ की जानकारी ठेका मजदूर को दी जाय


आज के कार्यक्रम में प्रमुख कामरेड दलवीर केवट म0 प्र0 किसान सभा के जिला महासचिव अध्यक्ष कामरेड रमेश राठौर  कामरेड अनिल शर्मा कोयला श्रमिक संघ सीटू जमुना कोतमा क्षेत्र अध्यक्ष कामरेड अशोक कुमार सोनी उपाध्यक्ष कामरेड मोती लाल सहायक सचिव कामरेड नवाजुदीन कामरेड सम्मेलाल कामरेड चुनिया कामरेड कामरेड प्रमोद कामरेड  के एस एस केंद्रीय उपाध्यक्ष दिलीप चौधरी आंगनबाड़ी से कामरेड अफसाना बेगम सीटू उपमहासचिव कामरेड संध्या शुक्ला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता युनियन सीटू महासचिव कामरेड आशा राठौर कामरेड सुमित्रा सिंह सुनिता विश्वकर्मा संगीता धुरवें सुनीता जोगी पुष्पा दास सुक्रीरतनी मिश्रा उतरा साहू मधु यादव संगीता तिवारी सरिता रजक उपस्थिति उल्लेखनीय रही

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