नागरिकों ने अगरबत्ती जलाकर रेल्वे फ्लाईओवर निर्माण की धीमी गति पर दर्ज कराया विरोध, जाम में तेजी लेकर शीघ्र निर्माण की मांग
दो हिस्सों में बटे शहर को एक करने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से लगाई गुहार
अनूपपुर :- दो हिस्सों में बटे शहर को एक करने वाला रेल्वेो फाटक को फ्लाईओवर का निर्माण के लिए बंद हो जाने के बाद से नगर लोग जैसे दो देशों में बट कर रह गया हैं। 4 वर्षो से नगर का मुख्य बाजार में वीरानी छा गई हैं।अलग-अलग हिस्सों में बाजार बटने के कारण व्यापारियों के सामने काफी जीवनयापन की समस्याएं खड़ी हो गई है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पिछले 4 सालों से कछुए की गति से चल रहा है जो पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। जिसकी निर्माण अवधि दो बार बढा़ई जा चुकी हैं। वहीं कलेक्टर ने भी कई बार अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं किन्तु अधिकारियों के कानोंमें जू नहीं रेग रहीं। वहीं रेल्वे प्रशासन भी अपने क्षेत्र में हो रहे निर्माण पर घ्यान नहीं दे रहा। सोमवार को नगर के लोगो ने अनोखा प्रर्दशन करते हुए निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे अगरबत्ती जलाकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए शीघ्र निर्माण की मांग की।
स्थानीय निवासियों ने लगातार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके कि फ्लाई ओवर की सौगात जल्दम मिले लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। निर्माण पिछले कई सालों में चालू कम बंद ज्यादा रहा है। जिससे नगर के व्यापारी काफी परेशान और गुस्से को दिखाने के लिए सोमवार को फ्लाईओवर के नीचे अगरबत्ती जलाकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए शीघ्र निर्माण की मांग की।
नगर के समाजसेवी विनोद सोनी का कहना हैं कि पिछले 4 वर्षो से फ्लाईओवर का काम जिस गति से चल रहा है उसको लेकर नगर में काफी रोष हैं। व्यापारी अपने व्यापार के लिए परेशान हैं लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं ऐसे में आज नगर के आम नागरिकों द्वारा बंद पड़े फ्लाईओवर निर्माण में अगरबत्ती लगाकर बंद फाटक की याद में किया गया। अधिकारियों के प्रति अपनी सहानुभूति जताते हुए काम जल्द चालू करने की मांग की हैं। उन्होंीने कहा कि फ्लाईओवर निर्माण का समय पर पूरा नहीं हुआ तो व्यापारी भीख मांगने की स्थिति पर आ सकते हैं।
18 माह में हुआ पूर्ण करने के आश्वासन पर कार्य हुआ आरंभ
दो हिस्सों में बंटे अनूपपुर शहर को जोड़ने वाला रेलवे ओवरब्रिज अनूपपुर का निर्माण 16 अगस्त 2021 में 18 माह में हुआ पूर्ण करने के आश्वासन पर आरंभ हुआ। तैयारी लेकर सेतु निर्माण कार्य तीन साल बाद भी अधूरा पड़ा है। इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने में अभी भी सालभर की समयावधि लगने की संभावना है। इसे पूर्ण होने को लेकर अब तक न तो ठेकेदार की ओर से और ना ही जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट जानकारी दी जा रही है। शहर की मुख्य कड़ी मार्ग कही जाने वाला यह मार्ग अब बारिश की बौछार में दलदली स्थल बन गया है। गत दिनों अपर कलेक्टर अमन वैष्णव ने निर्माणाधीन रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज कार्य का निरीक्षण किया तथा फ्लाईओवर कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के संबंध में कार्य में तेजी लाने एवं ब्रिज निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति एवं प्रगति की जानकारी प्रतिदिन प्रदान करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी सेतु को दिए। वहीं कलेक्टर रेल अधिकारियों के साथ रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की समीक्षा भी कर चुके हैं।
तीन साल बाद भी अधूरा, 5 साल पूर्व मिली थी तकनीकि स्वीकृति
बताया जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 अगस्त 2016 को आमसभा में ब्रिज निर्माण की घोषणा की थी। 14 दिसम्बर 2016 में ही प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान। यहां तक कि 8 मई 2017 को कार्यादेश जारी कर दिया था। यहां तक वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री ने खुद ही ओवरब्रिज निर्माण की आधारशिला रखी थी। जानकारी के अनुसार 12.01 करोड़ की लागत से 12-12 मीटर चौड़ाई और 462.44 मीटर का यह लम्बा पुल होगा। रेल पटरियों के उपर 56 मीटर लम्बी स्पॉन और ब्रिज में पिलर और आड़ीबॉल का भी उपयोग करते हुए 10 पिलर खड़े किए जाएंगे। दोनों छोर पर 50-50 मीटर लम्बी बीबीसी और 3-3 मीटर की चौड़ी सर्विस रोड प्रस्तावित है। लेकिन विभागीय व प्रशासकीय लापरवाही के कारण स्वीकृत ओवरब्रिज का निर्माण आज तक पूर्ण नहीं हो सका।
दो किलोमीटर अतिरिक्त शहर का लग रहा चक्कर
दो हिस्सों में बंटे अनूपपुर शहर इंदिरा तिराहा से कोतवाली तिराहे के बीच कड़ी के रुप में रेलवे फाटक से जुड़ा है यह रेलवे फाटक फ्लाईओवर अनूपपुर शहर के विकास की धुरी है। व्यापार, सब्जी मंडी, प्रशासकीय विभाग के साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,जिला चिकित्सालय की आवाजाही का एक मात्र मार्ग। बावजूद रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में राजनीतिक पक्षों के साथ सामाजिक संगठनों, प्रशासकीय अधिकारियों व स्वयं रेलवे ने भी जल्द कार्य पूर्ण होने करने की दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके कारण अब नगरवासियों को बायपास मार्ग से 4 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर मुख्य बाजार की ओर जाना पड़ रहा है।