ब्रम्हलीन संत फक्कड़ बाबा जी की मनाई गई पुण्यतिथि
श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक :- मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में पावन पर्व गंगा दशहरा के अवसर पर ही रुद्रगंगा स्थित आश्रम में ब्रम्हलीन संत नर्मदा पुरी जी महाराज (फक्कड़ बाबा) जी की पुण्यतिथि उनके शिष्यगण, भक्तो और संतो ने मिलकर मनाया । 12 वर्ष पूर्व फक्कड़ बाबा जी स्वतः इस रुद्रगंगा स्थल में वे गंगा दशहरा के अवसर पर पूजन , हवन और भंडारे का आयोजन किया करते थे , उसी परंपरा को आगे बढ़ते हुए पूर्व की भांति इस वर्ष भी दूर दराज से पधारे उनके शिष्य , भक्तगण और अखाड़े के साधु , संत समाज और अमरकंटक के संत , जनमानस के सहयोग से रुद्रगंगा स्थान पर स्वामी फक्कड़ बाबा जी की समाधि पर पूजन , नव निर्मित ईको फ्रेंडली कुटिया पर कथा पूजन , हवन कर भक्तजनों ने सैकड़ों साधु समाज , कन्या , ब्राम्हण , नगर वासियों को विशाल भंडारे में आमंत्रित कर प्रसाद ग्रहण करवाया गया , साथ ही वस्त्र और दक्षिणा भेंट कर संतो , कन्याओं, ब्राम्हणों का सम्मान किया गया ।
अमरकंटक उद्गम से लगभग 04- 05 km दूर रुद्रगंगा स्थल जन्हा पर संत ब्रम्हलीन फक्कड़ बाबा जी की कुटिया बना कर तपस्या किया करते थे और कभी कभी संत भक्त आकर विश्राम करते थे । उनके न रहने पर उनके एक शिष्य रह कर सेवा कार्य करते थे । फॉरेस्ट विभाग द्वारा 23 अप्रैल प्रातः बने आश्रम को अचानक अंधेरे में आकार दल बल के साथ ध्वस्त कर दिया गया । जिसमे नर्मदा जी की काली मूर्ति थी वह भी टूट गई थी जिसे अब नया बनवाया जा रहा है , आने पर पुनः स्थापित की जावेगी । नव निर्मित कुटिया में यह पहला धार्मिक आयोजन था । संत बताते है की यह भैरव बाबा की तपोस्थली रुद्रगंगा को मां नर्मदा के सप्त धाराओं में से एक मानी जाती है । यह सैकड़ों वर्ष प्राचीन दर्शनीय, रमणीय स्थल है ।
गंगा दशहरे के अवसर पर रुद्रगंगा में अमरकंटक के संत मंडल भी पहुंचा और उपस्थित संत , अखाड़े के संत तथा शिष्य भक्तगणों के बीच बृहद चर्चा इस आश्रम से संबंधित हुई । आगे और भी इसकी सही रूपरेखा तैयार कर किसी संत परंपरानुसार जवाबदार संत को महंत की चादर ओढ़ई जावेगी । बिलासपुर से आए मनीष मिश्रा ने बताया की रुद्रागंगा आश्रम में शिष्यों द्वारा अपने गुरु स्थान पर साल में कई धार्मिक पर्वो पर आकर अनुष्ठान , पूजन और भंडारा करवाते रहते है ।
रुद्रगंगा फक्कड़ बाबा आश्रम स्थल पर उपस्थित अखाड़े के महंत स्वामी तारकेश्वर पुरी जी , संत शिवानी पुरी जी , संत स्वामी भुवन जी , अमरकंटक संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत स्वामी रामभूषण दास जी महाराज , संयोजक संत स्वामी लवलीन बाबा जी , कोषाध्यक्ष संत स्वामी धर्मानंद जी , दिनेश साहू , शिव खैरवार , श्रवण कुमार , संजय शर्मा , मंजीत सिंह , मनीष मिश्रा , धीरज रजक , सुनील साहू , पवन सिंह आदि सैकड़ों उपस्थित रहे ।