जिले में हाथी एवं मानव द्वंद एवं हाथी के प्रवेश को रोकने के ग्रामीणों को बताए गये उपाय publicpravakta.com


जिले में हाथी एवं मानव द्वंद एवं हाथी के प्रवेश को रोकने के ग्रामीणों को बताए गये उपाय


अनूपपुर :-  छत्तीसगढ़ राज्य से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में निरंतर प्रवेश करते हाथियों के समूह का प्रवेश रोकने,हाथियों के आ जाने पर हाथियों से बचने के उपाय के संबंध में मुख्य वनसंरक्षक वन वृत शहडोल  एल,एल,उइके,वनमंडलाधिकारी अनूपपुर सुश्री श्रद्धा पेन्द्रे के निर्देश पर वनमंडल अनूपपुर अंतर्गत वनपरिक्षेत्र कोतमा,अनूपपुर,जैतहरी,बिजुरी राजेंद्रग्राम एवं अहिरगवा के हाथी प्रभावित क्षेत्रो के वन बीटो, प्रभावित गांवों जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित है वहां मानव हाथी द्वंद से बचाव एवं सावधानियो हेतु कर्नाटक राज्य से डा.रूद्रा आदित्य जो बंगलौर इलाके के साथ भारत के विभिन्न राज्यों जो हाथी प्रभावित हैं में हाथियों के विचरण दौरान हाथियों से बचाव करने के उपाय के साथ हाथियों के क्षेत्र में प्रवेश को रोकने का उपाय प्रायोगिक रूप से मशाल जलाकर,गोबर -कंडा जलाकर,जला मोबिल व डीजल एवं लाल मिर्ची व मिर्ची पाउडर का प्रयोग कर स्थल पर सभी का उपयोग कर बताया गया,साथ यह भी बताया गया कि जब कभी हाथियों का प्रवेश किसी भी गांव में हो तब सतर्कता,सावधानी बनाएँ रहें हाथियो के पास न जाएँ और हाथियों से छेडछाड न करें।मानव-हाथी द्वंद प्रशिक्षण सह कार्यशाला में विभिन्न ग्राम के ग्रामीणों की उपस्थिति रही ग्रामीणों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर हाथी विशेषज्ञ द्वारा द्वारा दिया गया। कार्यक्रमो में ग्राम पंचायतों के सरपंच,पंचगण,वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के साथ अनूपपुर जिला मुख्यालय के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल अनूपपुर उपस्थित रहे,

जाटव है कि 2015 के पूर्व से 2024 के मध्य छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की सीमा में कई बार हाथियों का कई समूह जिले के बिजुरी,कोतमा,जैतहरी,केशवाही से अनूपपुर वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर वर्षों तक निरंतर विचरण करते रहे हैं हाथियों के समूह के निरंतर विचरण करने पर आहार की तलाश में हाथियों का समूह देर शाम एवं रात होने पर वन क्षेत्र से निकल कर ग्रामीणों के द्वारा अपने खेतों एवं घर के समीप बांड़ी में लगाए गए विभिन्न प्रजाति के फसलों के साथ अनेको ग्रामीणो के घरों मे तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया है इसके अलावा विगत 6 माह के मध्य तीन ग्रामीणों की मौत मानव-हाथी द्वद के बीच हाथियों के नाराज होने पर हाथी द्वारा मौत के घाट उतारा गया रहा है वही एक दर्जन के लगभग ग्रामीण हाथियों के हमले या हाथियों के दौड़ाने से विभिन्न तरह की चोटें आने पर घायल हुए हैं मध्यप्रदेश सरकार के साथ-साथ अनूपपुर जिला प्रशासन जिले के जनप्रतिनिधि,वनविभाग के अधिकारी निरंतर विचरण कर रहे हाथियों के समूह से परेशान रहे हैं जिस पर भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के हस्तक्षेप पर विगत दिनों अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील से पांच हाथियों के समूह का सबसे बड़ा हाथी सदस्य जिसका नाम छत्तीसगढ़ राज्य के गजराज दल द्वारा त्रिदेव रखा गया था के साथ शहडोल जिले के जयसिंहनगर के क्षेत्र से एक छोटा हाथी को मिलाकर दो हाथियों का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की रेस्क्यू टीम द्वारा सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर त्रिदेव हाथी को शासन के निर्देशन अनुसार मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व एवं जयसिंहनगर से रेस्क्यू किए गए छोटे नर हाथी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के हाथी कैंप में प्रशिक्षण देने हेतु रखा गया है हाथी के हमले से मृत अनूपपुर जिले के तीन ग्रामीणों की मृत्यु पर उनके परिजनों को वन विभाग द्वारा जनहानि प्रकरण के तहत मृतक के परिजनों को एक सप्ताह के मध्य शासन की गाइड लाइन अनुसार 8-8 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है इसके साथ ही विभिन्न जन घायलो को जिला चिकित्सालय अनूपपुर एवं अन्य स्थानों पर उपचार कराते हुए सहायता राशि वनविभाग द्वारा प्रदान की गई है।

एक टिप्पणी भेजें

MKRdezign

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget