युवा व वरिष्ठ चेहरे पर अनूपपुर विधानसभा में कांग्रेस व भाजपा की साख दाव पर
अनूपपुर :- विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने 5 दशक के राजनैतिक अनुभव रखने वाले एवं 5 बार के विधायक बिसाहू लाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने बीते तीन साल पहले राज्य प्रशासनिक सेवा से त्यागपत्र देकर राजनीति में आए रमेश सिंह पर विश्वास जताया है,इसके बाबजूद बिसाहू लाल सिंह को जीत का भरोसा नही है, क्यों कि भाजपा शामिल होने के बाद भी बिसाहू लाल मूल भाजपाइयों पर और मूल भाजपाई बिसाहू लाल पर विश्वास नही कर पाए है इसीलिये बिसाहू लाल अपनी अंतिम पारी की नैया पुराने कांग्रेस के साथियों को खोज कर पार लगाना चाहते हैं। भाजपा में उनके विरोध का अंतर स्वर 20 अक्टूबर को पार्टी कार्यालय पर दिखाई भी दिया जब बिसाहू लाल से असंतुष्ट भाजपा के एक धड़े ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र जिला अध्यक्ष के माध्यम से दिया जिसमे उन्होंने कहा कि वह बिसाहू लाल के लिए चुनावो में काम करने में अशमर्थ है । भाजपा विकास का ढिंढोरा पीटते नही थक रही और बिसाहू लाल सिंह विकास पुरुष का तमगा भी लिए है फिर चुनाव प्रचार के पहले ही कांग्रेस प्रत्यासी रमेश सिंह से घबराहट क्यों है ?
यह बात बिल्कुल सत्य है कि चुनावी मैदान में कभी भी सामने वाले प्रत्याशी को कमजोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि कब कौन सा दाव कहां सटीक बैठ जाए या उल्टा पड़ जाए और सालों साल के राजनैतिक महारथी मात खा जाएं, शायद इसीलिए बिसाहू लाल सिंह भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े खेमे के साथ रहने के बाद भी अपनी पैरलर टीम के साथ विधानसभा 2023 का चुनाव लड़ रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस ने जिस रमेश सिंह पर भरोसा जताया है उन पर आरोप लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास कुछ नहीं है। बीते अपने 3 साल के अपने राजनैतिक सफर में रमेश सिंह के साथ हर वर्ग का मतदाता न्याय की उम्मीद से देख रहा है और इसीलिए कम समय में उनके साथ लोग कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है, चुनावी प्रचार जोर पकड़ने के दौरान तस्वीर साफ होती जाएगी की किसका पलड़ा कितना भारी है ? बहरहाल भाजपा के बिसाहू लाल सिंह का भाजपाइयों पर भरोसा न करना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है ?
विधानसभा 2023 के अनूपपुर के चुनाव में भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है जिसमे दोनो दल अपना दम खम दिखाने में लगे हुए है, भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बिसाहू लाल सिंह जहां खुद के द्वारा किए गए कार्यों की सूची लेकर निकल पड़े हैं तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह नीतिगत और न्याय की बात को लेकर युवा फौज व बड़े बुजुर्गों और माता बहनों का आशीर्वाद मिलने का दावा कर रहे है । जहां बिसाहू लाल सिंह ने कह दिया है कि यह उनकी अंतिम पारी है ऐसे में पहली पारी के लिए मैदान में उतरे रमेश सिंह बड़ी सूझबूझ के साथ मतदाताओं से अपनी बात रख कांग्रेस का हांथ मजबूत करने की अपील कर रहे हैं, कौन कितना सफल होगा यह आने वाला वक्त बताएगा।
पूर्व के चुनावों में अनूपपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का गढ़ सोन नदी के इस पार आने वाले क्षेत्र में चचाई,कैल्होरी,बरगवां,बकहीअमलाई,देवहरा,पटना,धिरौल,चकेठी,चिल्हारी,खम्हरिया,बड़हर,जमड़ी,सकरा,पिपरिया,कांसा,दुल्हरा,अनुपपुर,खांडा,सीतापुर,बरबसपुर,मानपुर,बकेली आदि गांव में माना जाता रहा है,और भाजपा प्रत्याशी को यहां से हमेशा बढ़त मिलती रही है,लेकिन भाजपा में बिसाहू लाल सिंह को लेकर उभर रहे विरोध के स्वर के बाद वहां कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह सेंध लगाने का दावा कर रहे है यदि इस दावे पर यकीन किया जाए जो भाजपा पर यह भारी पड़ सकता है ? बहरहाल बिसाहू लाल सिंह अब अपना समीकरण ख़ुद बैठाने में लग गये हैं और उनके साथ शिवराज सरकार की लाडली बहना से लेकर पी एम आवास जैसी अन्य योजनाओं की ढाल है तो कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह कर्मचारियोंके लिए पुरानी पेंसन की बहाली और महिलाओं को 1500 महीने से लेकर 500 रुपये में गैस सिलेंडर का वचन पत्र लेकर जनता के बीच मे पहुच रहे है । अनूपपुर विधानसभा का परिणाम तो समय के गर्भ में है और 3 दिसंबर को ही पता चलेगा कि जनता ने किस पर अपना भरोसा जताया है व 2023 का अपना प्रतिनिधि चुना है ।