कल्याण सेवा आश्रम में नवरात्रि के प्रथम दिवस निकला भव्य झांकी व कलश यात्रा
पांच प्रदेश की नृत्य पार्टियां हुई शामिल , ढोल नगाड़ों की धुन पर झूम उठे नगर वासी
अमरकंटक : - मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में तपस्वी बाबा कल्याण दास जी के सानिध्य में कल्याण सेवा आश्रम वर्ष 1984 से निर्मित मंदिर में विराजमान मां भगवती दुर्गा जी की लगातार हर वर्ष नवरात्रि का पवन पर्व मनाते आ रहे है । पूर्व वर्ष की भांति इस साल भी नवरात्रि के अवसर के प्रथम दिवस पर अष्ट धातु की मां भगवती दुर्गा जी की प्रतिमा पूजन अर्चन कर रथ पर विराजमान कर खड्ग , चंवर , छत्र के साथ तथा 108 बच्चियों के माथे कलश लिए ढोल नगाड़ों की ध्वनि के बीच नगर भ्रमण करते हुए माता नर्मदा जी की उद्गम स्थली पहुंच मंदिर के प्रधान पूजारियो से पूजन अर्चन करवाकर उद्गम का नर्मदा जल कलश में लेकर नर्मदा मंदिर दर्शन तथा परिक्रमा करने के बाद वापस नगर भ्रमण करते हुए कल्याण सेवा आश्रम मंदिर पहुंच काशी (बनारस ) से विद्वान 61 ब्राम्हणों द्वारा कलश स्थापना कर नवरात्रि पूजन प्रारंभ कर दी जाती है । जो दशहरा तक पर्व की धूम देखी जा सकती है ।
काशी (बनारस) से पहुंचे 61 ब्राम्हण ---
पंडित कमलेश्वर नाथ त्रिपाठी वेदाचार्य ने बतलाया की हम कल्याण सेवा आश्रम में लगभग 25 वर्षो से लगातार अमरकंटक प्रतिवर्ष नवरात्रि में आगमन होता आ रहा है । नव दिवस मां दुर्गा जी की पूजन अर्चन , आवरण , हवन , रात्रि सप्तशती निशा हवन , इत्यादि पूजन होते है जिन्हे साथ आए सभी ब्राम्हणो द्वारा कराया जाता है ।
पांच प्रदेशों की पहुंची धमाल पार्टियां --
स्वामी धर्मानंद महाराज ने बताया की पहली बार आई केरला की चंदामेलम पार्टी जिसमे 12 व्यक्ति , ओडिसा की पूरनमांसी घंट पार्टी 75 लोग , उत्तराखंड से सुप्रसिद्ध छोलिया नृत्य 14 की टीम , छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से शैला नृत्य 65 लोग , अनूपपुर जिले के क्षेत्रिय बैगा जनजातीय की कर्मा नृत्य जिसमे 40 की टीम हुई सम्मिलित , छत्तीसगढ़ पेंड्रा की मधुसूदन धमाल पार्टी और मंडला से एक ही अपने परिवार के साथ आए धमाल ढोल पार्टी नौ दिवसीय रहकर सेवा देते रहेंगे ।
108 कलश कन्याओं द्वारा जल भर कर स्थापना ।।
स्वामी हिमांद्री मुनि जी महाराज ने बताया की पूज्यपाद तपस्वी बाबा जी के मार्गदर्शन व उनके सानिध्य में नवरात्रि पूजन प्रारंभ से पहले 108 कन्याओं द्वारा आश्रम से कलश लेकर यात्रा साथ चलकर नर्मदा जल लेकर आते है तथा प्रथम नर्मदा पूजन उपरांत ही आश्रम मंदिर में नवरात्रि पूजन प्रारंभ की जाती है । प्रत्येक वर्ष कलश यात्रा निकाली जाती है जिसमे विशाल रथ पर मां भगवती मां दुर्गा के साथ 108 कन्याएं कलश के साथ अनेक प्रदेशों से आए नृत्य पार्टियां व साधु संत , भक्तगण , नगरवासी आदि सम्मलित होकर नगर भ्रमण करते हुए मां नर्मदा उद्गम मंदिर जा कर वापस आश्रम पहुंचते है । काशी के विद्वान ब्राह्मणों द्वारा नवरात्रि का पावन पर्व पूजन आराधना के साथ मनाया जाता है और दशहरा के अवसर पर नगर भंडारा भी किया जाता है जिसमे क्षेत्र के बैगा जनजातीय समुदाय के लोग ज्यादा संख्या में परिवार के साथ वर्षो से आश्रम में आते है जिन्हे भंडारा के साथ वस्त्र , दक्षिणा आदि प्रदान कर उनका प्रेम उत्साह मिलता है ।
उक्त कार्यक्रम में पधारे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी सपत्नीक श्रीमती शीला त्रिपाठी कार्यक्रम में सरीक होकर बाबा कल्याण दास जी से भेंट उपरांत मां नर्मदा दर्शन किए ।