अ.भा.साहित्य परिषद महाकौशल प्रांत का प्रशिक्षण वर्ग अमरकंटक मे संपन्न
अनूपपुर :- निप्र अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग अमरकंटक के मां नर्मदे हर सेवा न्यास मे संपन्न हुआ। प्रशिक्षण वर्ग में महाकौशल प्रांत के चार संभागों जिसमें रीवा शहडोल सागर और जबलपुर के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिसमें अनूपपुर शहडोल उमरिया रीवा छतरपुर टीकमगढ़ दमोह मंडला डिंडोरी व् सागर के लगभग 50 प्रतिनिधियों ने पंजीयन करा कर सक्रिय रूप से भाग लिया। महाकौशल प्रांत के चारो संभागों के अपेक्षित 50 कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य साहित्यकारों लेखकों कवियों और पाठकों को परिषद के आधारभूत विचार इतिहास कार्य पद्धति और वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी देना और अपने-अपने जिले में किए गए कार्यो का पुनरावलोकन व समीक्षा करना था। प्रशिक्षण का विषय वस्तु हमारा अधिष्ठान कार्यकर्ता निर्माण परिषद के कार्यक्रम कार्य विस्तार योजना हमारी साहित्य परंपरा स्वमूल्यांकन एवं जिज्ञासा समाधान और प्रशिक्षण वर्ग का तात्विक मूल्यांकन एवं पाथेय था। इन विषयों पर विशेषज्ञ के रूप में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुशील त्रिवेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, संयुक्त महामंत्री पवन पुत्र बादल एवं प्रांत संयोजक महाकौशल प्रांत धर्मेंद्र पांडे की उपस्थिति विशेष रूप से रही। प्रशिक्षण परिषद के राष्ट्रीय अधिकारियों के दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन में किया गया।
उद्घाटन सत्र में पवन पुत्र बादल द्वारा कार्यकर्ता निर्माण परिषद के कार्यक्रम और कार्य विस्तार योजना विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इसी दिन शायम काल सत्र में श्रीधर पराड़कर ने हमारा अधिष्ठान विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। दूसरे दिन हमारी साहित्य परम्परा विषय को विस्तार पूर्वक समझाया गया। इसके पश्चात स्वमूल्यांकन एवं जिज्ञासा समाधान और प्रशिक्षण वर्ग का तात्विक मूल्यांकनएवं पाथेय विषय के तहत कार्यकर्ताओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया और उनके प्रशिक्षण अनुभवों को सुना व् समझा गया।प्रथम दिन के उद्घाटन सत्र में प्रांत संयोजक महाकौशल प्रांत धर्मेंद्र पांडे ने मंचासीन अतिथियों एवं प्रांत के चारों संभागों से आए हुए विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं एवं साहित्यकारों का स्वागत करते हुए महाकौशल प्रान्त की रचना की संक्षिप्त जानकारी दी। इसके बाद उद्घाटन सत्र में प्रो प्रकासमणि त्रिपाठी कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में भारतीय ज्ञान और साहित्य की समृद्धि परम्परा को रेखांकित करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद के योगदान को प्रमुखता से समझाया। प्रशिक्षण वर्ग मे विभिन्न सत्रों मे प्रतिभागियो का परिषद के प्रान्त संयोजक धर्मेंद्र पांडे द्वारा स्वागत भी किया गया। इसके साथ ही प्रतिभागियों को श्रीधर पराड़कर द्वारा लिखित दो पुस्तक अखिल भारतीय साहित्य परिषद का इतिहास और साहित्य का धर्म को ज्ञानवर्धन हेतु उपहार स्वरूप सभी प्रतिभागियों को दिया गया। जिससे हुए सभी परिषद के इतिहास और साहित्य के धर्म को भारतीय दृष्टि से समझ सके। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी श्रीधर पराड़कर द्वारा दिया गया । कार्यक्रम का संचालन शहडोल संभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश द्वारा किया गया।