पैसा दुगना करने के नाम पर धोखाधडी करने वाले आरोपी को कारावास, 50 हजार का जुर्माना
तीन लोगो से 4.70 लाख रुपयें कूटरचना कर की धोखाधड़ी
अनूपपुर :- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपपुर एस.एस.परमार की न्यायालय ने थाना रामनगर के अपराध की धारा 420, 467, 468, 471 भादवि धारा 6(1) म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 एवं धारा 3(2)(व्ही) एससी एसटी एक्ट (धोखाधडी) के आरोपी 36 वर्षीय अनुज सिंह निवासी ग्राम रजहारा कोठी. जिला पलामू (झारखण्ड) हाल निवासी राम मंदिर के पास रामनगर अनूपपुर को दोषी पाते हुए 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पचास हजार रू. अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। एक अन्य आरोपित के विरूद्ध विवेचना जारी हैं। पैरवी लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने की।
लोक अभियोजक ने शुक्रवार को बताया कि 28 फरवरी 2020 को फरियादी संतोष कोल पुत्र विशाले कोल निवासी न्यू डोला थाना रामनगर ने थाना रामनगर में लिखित सूचना दी कि वर्ष 2010 में राम जनकी मंदिर रामनगर के पास रहने वाला अनुज सिंह अपने एक साथी के साथ उसे घर आया और बोला कि वह एक कम्पनी में काम करता है, जो लोगों का पैसा जमा करवाती है और 06 वर्ष में उस पैसे को डबल करके देती है। और कहा कि यह लोग उसके गांव के हैं, उस पर भरोसा मानें और उसकी कम्पनी में पैसा जमा कर दें, पैसा डबल करने की जवाबदारी उसकी होगी, कहते हुए फरियादी एवं अन्य लोगों को आशा एवं विश्वास में लेकर फरियादी संतोष कोल से एक लाख रूपये, उसकी मां बुटईया कोल से एक लाख बीस हजार रूपये, सुभगिया कोल से एक लाख सत्तर हजार रूपये, अनुज सिंह एवं राकेश कोठिया ने लिये, किन्तु अभी तक न उनका मूलधन दिये और न ही डबल करके दिये, मांगने पर बाद में देने के लिये बोलते हैं, किंतु अब बोलते हैं कि क्या प्रमाण है कि वह उन लोगों से पैसा लिया है, वह उन लोगों से पैसा नहीं लिया है और न ही पैसा देगा। अनुज सिंह, राकेश कोठिया मिलकर हमारे साथ बेईमानी से कपटपूर्वक कूटरचना कर धोखाधड़ी करके से चार लाख, सत्तर हजार रूपये हड़प लिये। लिखित सूचना के आधार पर थाना रामनगर में अपराध पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया गया। आरोपित राकेश कोठिया मूलतः गुलाब बाग जिला धौलपुर राजस्थान का निवासी है, अपराध कायमी दिनांक के पूर्व से ही फरार रहा है, प्रकरण की शेष विवेचना पूर्ण कर आरोपी अनुज सिंह के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाए जाने पर पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां न्यायालय ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई।