अ.भा. साहित्य परिषद शहडोल संभाग की बैठक संपन्न
अमरकंटक :- गत दिवस इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के सभागार मे अखिल भारतीय साहित्य परिषद संभाग शहडोल की बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य प्रदेश के अध्यक्ष प्रो मिथिला प्रसाद त्रिपाठी रहे। अध्यक्षता धर्मेंद्र पांडेय अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाकौशल प्रांत ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे रहे।
शहडोल संभाग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए परिषद के म.प्र. के अध्यक्ष प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य परिषद की अपनी दृष्टि एवं मूल्य हैं जो सनातन परंपरा से ग्रहण करती है। सत्यम शिवम सुंदरम हमारी रचनात्मकता के आधार मूल स्रोत हैं, जिससे ना केवल भारत की अपितु पूरी दुनिया को जीवन दृष्टि विचार एवं दर्शन का समन्वय है। कुछ लेखकों के समूह ने इसे जानबूझकर उपेक्षित करते हुए अपने राजनीतिक विचारधारा के रूप से लागू करते रहे हैं। दलित विमर्श स्त्री विमर्श एवं अन्य विविध नामों से चल रहे विचारधाराओं के माध्यम से वें हमारे समाज को लड़ाने का काम करतें रहे है जिसे हमे पूरी ताकत से अपनी रचनात्मकता के माध्यम से प्रतिकार करना है। साहित्य परिषद ऐसे ही कामों को लेकर काम कर रही है। इस काम को हमें और मजबूती से आगे बढ़ाना है।
बैठक में मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी निदेशक डॉ विकास दवे ने कहा कि अब तक साहित्य में जो नैरेटिव सेट किया जाता रहा है उसे हमें साहित्य परिषद के माध्यम से परिवर्तित करना है। वामपंथी विचारधारा के प्रगतिशील लेखक संघ के लेखकों द्वारा अपने लेखन में भारतीय जीवन प्रणाली एवं सामाजिक मूल्यों को ना केवल उपेक्षित एवं हाशिए पर डाला गया बल्कि अवैधानिक यथार्थ से परे शोषण एवं असमानता से युक्त भर्त्सना की जाती रही है। एक एजेंडे के रूप में हमारे समाज को तोड़ने एवं राष्ट्र विरोधी भावना को उभारने का काम उनके द्वारा किया जाता रहा है। हमें उनके कुत्सित विचारों एवं दुर्भावनाओं का सुनियोजित तरीके से प्रतिकार करना है और हर मुद्दे पर निरंतर सवाल खड़े करते रहना है। साहित्य परिषद इसी दिशा में काम कर रही है।
बैठक का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। तत्पश्चात अपने स्वागत उद्बोधन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाकौशल प्रांत के अध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए साहित्य परिषद की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि साहित्य परिषद का गठन इस क्षेत्र में बहुत पहले हो जाना चाहिए था फिर भी देर से ही सही हमें विश्वविद्यालय इकाई के गठन के साथ साथ शहडोल संभाग के तीनों जिले मे प्रवास कर वहां की इकाइयों का गठन किया। और इसे मजबूती के साथ और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इकाइयों के गठन के दौरान अपने विशिष्ट अनुभवों को भी सभी के सामने साझा किया।
बैठक के अंत में महाकौशल प्रांत के सभी इकाइयों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सितंबर माह में लगाने के विचार में सहमति बनी। प्रो मनीषा शर्मा को विश्वविद्यालयीन इकाई के संयोजक एवं डॉ राकेश सोनी को शहडोल संभाग इकाई के संयोजक उत्तरदायित्व देने पर सहमति दी गयी। कार्यक्रम का संचालन डॉ राकेश सोनी एवं आभार डॉ पूनम पांडे द्वारा ज्ञापित किया गया। जिस पर बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही जिसमें डॉ ऋषि पाल डॉ शिखा बनर्जी डॉ अभिषेक बंसल डॉ सचिन द्विवेदी डॉक्टर राज नारायण ओझा डॉक्टर त्र्यंबक पांडे डॉ मधुलिका डॉक्टर कृष्ण मुरारी प्रो मनीषा शर्मा डॉक्टर पूनम पांडे इत्यादि विशेष रूप से कार्यक्रम में सम्मिलित होकर बैठक को सफल बनाया।