प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शहडोल दौरा कार्यक्रम और उसके सियासी मायने publicpeavakta.com


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शहडोल दौरा कार्यक्रम और उसके सियासी मायने


( चैतन्य मिश्रा )


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  27 जून को मप्र आ रहे हैं। उनका कार्यक्रम भोपाल और शहडोल में है।दरअसल पहले यह कार्यक्रम शहडोल की जगह  मध्यप्रदेश के धार-झाबुआ में होने वाला था  लेकिन बाद आंशिक बदलाव करते हुए धार की जगह शहडोल किया गया । ऐसा इसलिए कि भाजपा मालवा और निमाड़ की तुलना में विंध्य पर ज्यादा फोकस कर रही है।मतलब साफ है प्रदेश के आदिवासी वर्ग को साधना।  चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश को दो वंदे भारत ट्रेन की सौगात देंगे। मध्यप्रदेश को पहले भी एक वंदे भारत ट्रेन मिल चुका है। भोपाल से इंदौर और जबलपुर के लिए दो ट्रेन प्रधानमंत्री देने वाले हैं। इसी दिन शहडोल में लालपुर मैदान से  वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर गौरव यात्राओं के समापन कर, सिकलसेल एनीमिया बीमारी से मुक्ति का कार्यक्रम भी लॉन्च करेंगे साथ ही  एक करोड़ आयुष्मान कार्ड का प्रतीकात्मक रूप से वितरण भी करेंगे।एवं  पकरिया गांव के जल्दीटोला में जनजातीय समुदाय के साथ संवाद और भोजन करेंगे।पूरा कार्यक्रम जनजातीय समुदाय के इर्दगिर्द होगा।  दरअसल बिगत विधानसभा चुनावो का परिणाम देखे तो  प्रदेश का आदिवासी वर्ग बीजेपी की पकड़ से बाहर होता जा रहा है  जिसे,साधने के लिए  विधानसभा चुनाव से पहले विंध्य और महाकौशल की सीटों जिसमे खासतौर से आदिवासी छेत्र शामिल है को साधने का प्रयास किया जा रहा है। प्लान के अनुशार भाजपा  22 जून को प्रदेश के पांच अंचलों से वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा प्रारंभ कर रही है। इसका शुभारंभ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। छिंदवाड़ा से सांसद दुर्गादास उईके, सिंगरामापुर में नबतरी से मंत्री विजय शाह, रानी दुर्गावती के जन्मस्थान कालिंजर में संपतिया उईके और धोहनी सीधी में हिमाद्रि सिंह गौरव यात्रा का शुभारंभ करेंगे। यह यात्रा गांव-गांव होते हुए 27 जून को शहडोल पहुंचेगी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यात्रा का समापन होगा।मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इसके अलावा 30 सीटों पर आदिवासी वोटर प्रभाव रखता है।  आरक्षित सीटों की बात करे तो 2018 के  चुनाव में 30  कांग्रेस को  और 16 सीट भाजपा को मिली थी।गौरव यात्रा के बहाने बीजेपी महाकोशल और विंध्य  में अपने प्रभाव को बनाए रखना चाहती है।

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