राज्य सरकार द्वारा मानदेय में वृद्धि संयुक्त मोर्चे के नेतृत्व में 15 मार्च से 30 मार्च2023 तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सुपरवाइजर एवं कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा की गई हड़ताल का परिणाम है - विभा पांडे, गायत्री बाजपेई
अनूपपुर :- राज्य सरकार द्वारा आज 11 जून को की गयी आंगनवाडी कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा को आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन मध्य प्रदेश (एटक) ने आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा प्रदेश के स्तर पर लगातार किये गये संघर्षों की जीत बताते हुये यूनियन ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा के लिये चुने मंच व तरीके को अनुचित बताया।
यूनियन ने कहा है कि सरकार ने आंगनवाडी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाने का वायदा तो पूरा किया नही और जो मानदेय वृद्धि की घोषणा की है उसमें भी मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय किया है। हमारी मांग में मिनी को पूरा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का दर्जा दिया जाए यूनियन ने इस जीत को अ.भा. आंगनवाडी , एटक)के मार्गदर्शन में यूनियन द्वारा चलाये गये अनगिनत स्वतंत्र व अन्य संगठनों के साथ मिलकर चलाये गये संयुक्त संघर्षों का परिणाम बताया, जिसमें प्रदेश भर की हजारों कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने भागीदारी की।
ज्ञातव्य हो कि अंत में 15 मार्च 2023 से हुये ऐतिहासिक हडताल जिसने मानदेय वृद्धि सहित मांगो का निराकरण के लिये सरकार को इस घोषणा के लिये विवश किया। एटक यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष गायत्री बाजपेई एवं महासचिव विभा पांडे मानदेय वृद्धि सम्बन्धी मुख्यमंत्री की घोषणा को अधूरी जीत बताते हुये प्रदेश की सभी आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से अपील की है कि इन घोषणाओं पर अमल कराने एवं मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिये हमें एकजुट रहना होगा। और 63 वर्ष का कार्यकाल ,75% सुपरवाइजर पद के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी को पदोन्नति,500000,300000 की राशि रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम वेतन 26000 आदि मांगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस घाषेणा के तहत राज्य सरकार ने कार्यकर्ता के मानदेय में 3,000 रुपये एवं सहायिका एवं मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 1,500 रुपये की वृद्धि के साथ लाडली लक्ष्मी योजना का 1,000 रुपये भी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को मिलेगा। इसी के साथ सेवा निवृत्ति पर कायेकर्ता को 1,25,000 रुपये एवं सहायिका को 1,00,00 रुपये देने एवं 5,00,000 रुपये का दुर्घटना स्वास्थ्य बीमा की भी घोषणा की है।
यूनियन ने की पुरानी घोषणा को लागू करने की मांग
1,500 रुपये की कटौती का का मामला अभी भी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है जिसमें कार्यकर्ता की 1,500 रुपये एवं सहायिका की 750 रुपये की काटी गयी राशि की राशि का एरियर सहित भुगतान किये जाने की मांग है। इस प्रकरण में अब तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जवाब नही दिये जाने से इस पर निर्णय नही हो पाया है।
इसी तरह वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री द्वारा सेवा निवृत्ति पर कार्यकर्ता को 1,00,000 एवं सहायिकाओं को 75,000 रुपये देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद प्रदेश में सैकडों कार्यकर्ता एवं सहायिकायें सेवा निवृत्त हुये, लेकिन इन सेवा निवृत्त लाडली कार्यकर्ता एवं सहायिकाओ को कुछ भी नही दिया गया। अत: यूनियन ने पूर्व में की गयी मानदेय वृद्धि का 1,500 रुपये की एरियर की राशि का भुगतान करने एवं 8 अप्रैल 2018 को की गयी घोषणा के बाद सेवा निवृत्त हुये सभी कार्यकर्ता को 1,00,000 रुपये एवं सहायिकाओं को 75,000 रुपये का भुगतान किये जाने की मांग की है।