महाकाल लोक में खंडित मूर्तियों के स्थान में धातु या पाषाण की मूर्तियां लगाई जायें- रमेश सिंह
मूर्तियों के खंडित होने पर कांग्रेस लगाया भ्रष्टाचार का आरोप,जांच कर कार्यवाई की मांग
अनूपपुर :- उज्जैन स्थित महाकाल लोक देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। छह महीने पहले 750 करोड़ की लागत से बनाए गए महाकाल लोक में रविवार को आए आंधी के चलते कई मूर्तियों के खंडित होने के बाद अब शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है। करोड़ों की लागत से बने महाकाल लोक का उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को भव्य कार्यक्रम में किया था। उस समय कांग्रेस ने महाकाल लोक के निर्माण साथ इसके भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा था। लाल पत्थर और रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी मूर्तियों की गुणवत्ता के साथ धार्मिक महत्वा को लेकर भी सवाल उठाया था। जिसमे प्लास्टिक की प्रतिमाएं हिंदू धर्म स्थानों पर नहीं लगती। महाकाल लोक में धातु की प्रतिमा या पाषाण की मूर्तियां ही लगाई जाना चाहिए थी। इसके बाद भी महाकाल लोक में रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी मूर्तियों को लगाया गया और अब मात्र 30 किलोमीटर की रफ्तार से चली आंधी ने सरकार के दावे और भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी।
अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सिंह ने सोमवार को महाकाल लोक में मूर्तियों के खंडित होने को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक में रविवार को पोल खुल गई जब एक आंधी ने महाकाल लोक में लगी सप्तऋषि की 7 मूर्तियों में 6 मूर्तियां गिर कर खंडित हो गई। कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलमनाथ ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। जो महाकाल लोक पहुंचकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जनता के सामने रखेगी। वहीं निर्माण में गंभीर अनियमितता की जांच की मांगकरते हुए एवं दोषियों पर कार्यवाई की मांग की हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। सरकार से मांग की है कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं खंडित हुई हैं उनके स्था न में अब धातु की प्रतिमा या पाषाण की मूर्तियां ही लगाई जायें।