धूम - धाम से मनाया अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस, पूंजीवाद मुर्दाबाद के लगाए गए नारे
अनूपपुर/जैतहरी :- संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ ग्राम पंचायत क्योटार में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई को मनाया गया । बैठक को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने कहा कि 1886 में श्रमिकों के ऐतिहासिक संघर्ष व कुर्बानियों के दम पर 8 घंटे का कार्य दिवस का अधिकार दुनिया के मजदूरों ने हासिल किया था । जिसके परिणाम स्वरूप भारत में बने श्रम कानूनों में मजदूरों को 8 घंटे के कार्य दिवस का कानूनी अधिकार हासिल हुआ था । जिसे मोदी सरकार ने मजदूरों से 8 घंटे के कार्य दिवस के इस कानूनी अधिकार को श्रम कानूनों में परिवर्तन कर खत्म कर दिया है । तथा मजदूरों को मिले नाम मात्र का अधिकार को भी छीन लिया है । उन्होंने कहा कि भारत में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार आईज आफ डूइंग बिजनेस में अपनी रैकिंग में दुनिया के 10 शीर्ष देशों में शामिल होने के नाम पर 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर उनके स्थान पर 4 श्रम संहिता ले आई है ।
इन श्रम संहिताओं के माध्यम से न केवल मालिकों को श्रमिकों के निर्मम शोषण का कानूनी अधिकार दे दिए हैं बल्कि इसके माध्यम से सूचना के अधिकार कानून व न्यायपालिका पर भी हमला किया है ।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के लिए 1-2 प्रतिशत टर्नओवर टैक्स के रूप में वसूली जाने वाले खर्च को किस तरह से खर्च किया जाएगा इसके बारे में कोई भी स्पष्टता इन चार श्रम संहिताओं में नहीं है।