तीन गांव के निवासियों को नही मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ publicpravakta.com


तीन गांव के निवासियों को नही मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ


ग्राम पंचायत धनगवां पूर्वी में मात्र एक पीएम आवास हुआ स्वीकृत


अनूपपुर :-  केन्द्र सरकार द्वारा गरीबो और कच्चे मकानों, सुर झोपड़ियों में निवेश करने वाले लोगो के लिए  प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारम्भ की गई जिसके उददेश्य सभी को पक्के मकान देना  था लेकिन इस योजना के प्रारंभ होने के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी बहुत से गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ नही।मिल पाया है, कही जिम्मेदार अधिकारियो व कर्मचारियों के वास्तविक पात्र लोगो का चयन न करना तो कही तकनीकी कारणों से कई पात्र परिवार अब भी इस योजना के लाभ से वंचित है ईद योजना को लागू हुए कई वर्ष बीत गए इसके बावजूद कई ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन परिवार आज भी झुग्गी-झोपड़ी में रहने को विवश है। सरकार की नजरों में एक गांव पूरी तरह से गुम हैं, जिसकी कुछ दिनों तक खोजबीन की गई और पता चला की जनगणना के समय गांव का नाम ही बदल गया था। जिले में तीन गांवों को सरकार ने विरान मान लिया हैं। मामला जनपद जैतहरी के चार ऐसे गांव का है जहां एक भी व्यक्ति या परिवार पीएम आवास योजना के लिये पात्र ही नही है। जानकारी भी हैरत में डालने वाली है, क्योकि अपात्र होने का कारण एसईसीसी जनगणना 2011 में तीन गांवों के लोगो का नाम ही नही है। तो दूसरी तरफ एक गांव एैसा भी है जिसका नाम 2011 की जनगणना में बदल गया और गांव का नाम बदलते ही गांव के लोग पीएम आवास योजना में अपात्र हो गये। जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत आने वाले चार गांव जिनमें औढ़ेरा, किरर, अकुआ तथा धनगवां पूर्वी शामिल है। गांवों में रहने वाले समस्त परिवार झुग्गी-झोपड़ी में रहते हुये पीएम आवास योजना का लाभ पाने के लिये वर्ष 2015 से भटक रहे है। लेकिन अब तक गांव के पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नही मिल सका है। ग्रामीणों का कहना है कि पीएम आवास के लिये जब भी वह जिला पंचायत, जनपद व ग्राम पंचायत जाते है तो उन्हे इस योजना के लिये अपात्र बता दिया जाता है। जब तक मामला अधिकारियों के समझ में आया तक तक केन्द्र सरकार की आवास प्लस योजना शुरू हो गई। लेकिन इसके बाद भी योजना का लाभ नही मिल सका। जिले से गुम हो गया था एक ग्राम पंचायत जानकारी के अनुसार 2011 की जनगणना में ग्राम पंचायत धनगवां पूर्वी जिले से खो गया था, जिसके कारण ग्राम पंचायत के एक भी व्यक्ति को पीएम आवास योजना का लाभ नही मिल सका है। जिसका कारण सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना (एसईसीसी) 2011 में इस गांव का नाम धनगवां पूर्वी की जगह जमगवां दर्ज हो गया। पीएम आवास योजना में पंचायत द्वारा पीएम आवास योजना के पात्र 347 हितग्राहियों की सूची भी भेजी गई। लेकिन आवास पोर्टल में गांव का नाम जमगवां को सुधार कर धनगवां पूर्वी करने के चक्कर में पोर्टल ही डीलिट हो गया। जहां वर्ष 2022 में आवास प्लस योजना में छूटे हुये परिवार का नाम जोड़ा गया, जिसमें पूरी ग्राम पंचायत में सिर्फ एक ग्रामीण रामलाल चौधरी का आवास स्वीकृत हुआ है, जिसमें उसे दो किश्त प्राप्त हो चुकी है। तीन गांवों के लोगो का नाम ही नही है दर्ज ग्राम पंचायत औढेरा अंतर्गत ग्राम किरर व अकुआ के ग्रामीणों को पीएम आवास नही मिल पा रहा है। कारण इन ग्राम में रहने वाले निवासियों को नाम एसईसीसी जनगणना 2011 में ही नही है। जंगलो व पहाड़ो के बीच बसा बैगा बाहुल्य गांव जो झुग्गी झोपड़ी में रहने के साथ ही आयकर दाता भी नही है। लेकिन ग्राम किरर में निवासरत 180 परिवार तथा ग्राम अकुआ में 320 परिवारों में एक भी परिवार को पीएम आवास योजना का लाभ नही मिल सका है। वहीं 460 परिवार वाला ग्राम पंचायत औढ़ेरा में आवास प्लस योजना के तहत मात्र 3 हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष प्रीति सिंह का कहना हैं कि मामला संज्ञान में आया है, इस मामले में विकास आयुक्त कार्यालय भोपाल से पत्राचार कर चारों गांवों के पात्र हितग्राहियों को पीएम आवास योजना का लाभ दिलवाया जायेगा।

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