सुधाकर द्विवेदी का कोतमा विधानसासभा क्षेत्र में सघन जनसंपर्क
अनूपपुर/ कोतमा :- निवासी अखंड ब्राह्मण महासभा समिति भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधाकर प्रसाद द्विवेदी द्वारा कोतमा विधानसभा क्षेत्र से एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लगातार सघन जनसंपर्क में है,उनके लगातार जनसंपर्क के कारण कोतमा विधानसभा क्षेत्र के लोगो में उनके नाम की चर्चा जोरों पर हैं,स्थानीय समस्याओं का निदान करने के लिए उनके द्वारा रणनीतिया भी तैयार की जा रही हैं वही कोतमा विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख जीवनदायिनी केवई नदी से पीने के पानी के साथ साथ सिंचाई परियोजना जिससे हरित क्रांति क्षेत्र में आ सके।शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार की उपलब्धता पर भी विशेष प्रयास एवं योजना तैयार किया गया हैं।कोतमा विधानसभा के ब्राह्मण समाज के अलावा अन्य सभी वर्ग के लोगों का भी भरपूर सहयोग द्विवेदी को प्राप्त हो रहा है
कोतमा विधानसभा चुनाव के चर्चे हर इंसान की जुबान और दिलो दिमाग पर है,दरअसल शहडोल और अनूपपुर जिले की कोतमा एकमात्र विधानसभा क्षेत्र है जो कि अनारक्षित है।और कोयलांचल नगरी होने के कारण हमेशा सुर्खियां बटोरती रहती है।अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव 2023 की चर्चा जोरो शोरो पर है।वही बहुत से राजनीतिक पार्टी के सफेद कुर्ताधारी नेता अपने क्षेत्र से लेकर भोपाल तक चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं।और क्षेत्र की जनता इस बार इन दोनो पर ज्यादा विश्वास भी नही दिखा पा रही है,तो ऐसे में कोतमा विधानसभा के लिए निर्दलीय के रूप में सुधाकर प्रसाद द्विवेदी वरदान सिद्ध हो सकते हैं।कोतमा विधानसभा कि यदि बात की जाए तो ब्राह्मणों का एक बहुत बड़ा वर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है जो कि विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ी जीत को निर्धारित करता है।कोतमा से लगे क्षेत्रों में लगातार पंचायतों से और वहां के लोगों से उनका एक जमीनी जुड़ाव है। विधानसभा चुनाव की वोटिंग की यदि बात की जाए तो एक बहुत बड़ी संख्या में वोट गांव के लोगो से ही होता है।सुधाकर द्विवेदी ने कोतमा क्षेत्र में एक अपनी अलग पहचान बना कर रखी हुई है इनकी सरल स्वच्छ छवि ही इनकी मुख्य पहचान है।ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बंध होने की कारण ग्रामीणों की तकलीफों और उनकी जमीनी हकीकत से रूबरू है जिसका कारण है एक भारी बहुमत हासिल हो सकती है।यदि क्षेत्र के अन्य राजनीतिक पार्टियों के बहुत से नेताओं की बात की जाए तो वर्तमान में उनकी छवि धूमिल सी नजर आ रही है।
वही सुधाकर द्विवेदी का कहना है कि यदि अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी उन्हें अपनी पार्टी का टिकट कोतमा विधानसभा से देती है या उनका समर्थन करती है तो उस पर भी विचार कर सकते हैं