कोरोना से निपटने स्वास्थ्य विभाग ने की मॉकड्रिल
इंगाराजवि में प्रयोगिक परीक्षाएं रद्द,कक्षाएं स्थगित
2 दिन पहले विश्विद्यालय की छात्रा हुई थी कोरोना संक्रमित
अनूपपुर :- प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर दस्तक दी है। जिले में हालात यह हैं कि मामले बढ़े तो आमजनों को चिकित्सकों की कमी का सामना करना पड़ेगा। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों की आशंका के बीच प्रदेश सरकार की गाइडलाइन अनुसार 10 अप्रैल को जिला चिकित्सालय में मॉकड्रिल कर व्यवस्थाओं करें दुरूस्त करने का प्रयास किया गया। जिले में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान संसाधनों के अभाव में अनूपपुर जिले का स्वास्थ्य महकमा विवश दिख रहा था। जहां कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए शहडोल जिले के मेडिकल कॉलेज पर आश्रित रहने वाले जिला चिकित्सालय में अब संसाधनों को जुटा लिया गया है, पहले जहां मरीज के सीटी स्केन के लिए शहडोल के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब जिला चिकित्सालय में यह सुविधा भी उपलब्ध हो गई है।
सिविल सर्जन डॉ एसआर परस्ते ने बताया कि सोमवार को मॉकड्रिल कर कोरोना से लडने की तैयारी पूरी हैं। तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। जिसमे अजीज प्रेम जी फाउंडेशन, यूनिसेफ तथा कोल इंडिया का सहयोग रहा हैं। आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड भी पर्याप्त मात्रा में है वही संक्रमण फैलने की स्थिति में लगभग 50 हजार लोगों के उपचार के लिए दवाओं की किट भी जिला चिकित्सालय प्रबंधन के पास भंडारित है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक प्रबंधन की लापरवाही से विश्वविद्यालय के रानी दुर्गावती कन्या छात्रावास पीजी की पढ़ाई कर रहीं छात्रा की तबियत बिगड़ने पर शनिवार को पेंड्रा में कोरोना टेस्ट कराया गया। वहां रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही छात्रा को विश्वविद्यालय की जगह सीधे उसके घर शहडोल भेज दिया गया। जहां चिकित्साट महाविद्लय में इलाज जारी हैं। इसके बाद अनूपपुर स्वास्थ्य अमले की 4 डॉक्टरों की टीम जांच करने पहुंच रही है। विश्वविद्यालय पहंच कर जांच कर रहीं हैं। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को होने वाली सभी प्रयोगिक परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। उसके साथ सभी कक्षाओं को भी आगामी आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी किया है। हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं का भी प्रोटोकॉल के तहत कोविड जांच जारी है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने समय पर कोविड मरीज की जानकारी नहीं दी। जिला प्रशासन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की है।
विश्वविद्यालय में एक छात्रा के कोविड पॉजिटिव आने के बाद भी परिसर में कोविड प्रोटोकोल का पालन नहीं हो पा रहा है। छात्रावास में छात्रा कोविड पॉजिटिव मिली है, तो वहां रहने वाली कई छात्राएं कैंपस में घूमते मिली हैं, यही हाल लडकों के छात्रावास का है।
29 अप्रैल 2020 को जिले में पहला संक्रमित मरीज मिला था, जिसके बाद जुलाई 2021 तक मरीजों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। संक्रमण की दोनों लहर में वर्ष 2021 के 2 महीने मई और जून में मरीजों की संख्या सर्वाधिक रही। जिले में अब तक दो लाख 38 हजार 338 लोगों का सैंपल लिया गया जिनमें से 9274 व्यक्तियों में संमण की पुष्टि हुई थी। संक्रमण की वजह से 119 लोगों ने जिंदगी से जंग हारी। जिले में 5 लाख 59 हजार 261 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था जिसके विरुद्ध अब तक 5 लाख 99 हजार 525 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। स्वास्थ्य महकमे के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है। वर्तमान समय में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बंद है किंतु आवश्यकता पड़ने पर उसे फिर से प्रारंभ किए जाने की बात कही जा रही है। जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 240 बिस्तर वर्तमान में मौजूद हैं जिनमें 9 आईसीयू बेड, 10 एचडीयू बेड भी शामिल है। पूर्व में कन्या शिक्षा परिसर को कोविड सेंटर बनाया गया था जहां 400 बिस्तर उपलब्ध थे, वर्तमान में यहां छात्रावास का संचालन होने की वजह से यह प्रस्ताव बंद पड़ी हुई है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाएगा जहां प्रतीक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन सपोर्टेड 10 बिस्तर आरक्षित रखे जाएंगे। बता दें कि जिले में चिकित्सकों की कमी बदस्तूर बनी हुई है। पहली और दूसरी लहर के दौरान अस्थाई रूप से चिकित्सकों की सेवा ली गई थी। समय बीतने के साथ उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। जिला चिकित्सालय में वर्तमान में सिर्फ 13 चिकित्सक ही कार्यरत हैं, जिले भर में 53 चिकित्सक ही कार्यरत है। 8 लाख 30 हजार की आबादी वाले अनूपपुर जिले में चिकित्सकों के पद कभी भी पूरे नहीं हो पाए ऐसे में यदि संक्रमण बढ़ा तो जिला प्रशासन के पास संसाधन होने के बाद भी चिकित्सक की कमी बड़ी समस्या बनेगी। इस समस्या के निदान के लिए जिला प्रशासन के पास कोई भी उपाय नहीं है। सीएमएचओ डॉ एससी राय ने बताया कि सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम रानी दुर्गावती छात्रावास में रहने वाली 25 छात्राओं की जांच की गई जिसमें 3 छात्राओं को सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत पर दवाईया दी गई हैं।