रेलवे बिलासपुर जोन की तानाशाही से जनता परेशान, प्रतिदिन रीवा चिरमिरी चलाने की मांग हुई तेज publicpravakta.com


रेलवे बिलासपुर जोन की तानाशाही से जनता परेशान

 रीवा- चिरमिरी ट्रेन प्रतिदिन चलाने की मांग हुई तेज 


अनूपपुर/कोतमा :- भारतीय रेलवे के बिलासपुर जोन की मनमानी से जनता काफी परेशान हो रही है। करोना काल के बाद रेलवे बिलासपुर जोन द्वारा दर्जनों ट्रेनें बंद कर दी गई थी जिसके बाद अब तक ट्रेनों का परिचालन व्यवस्थित रूप से शुरू नहीं किया गया है। चिरमिरी से रीवा तक चलने वाली चिरमिरी रीवा और रीवा चिरमिरी ट्रेन को करोना के दौरान बंद कर दिया गया था जिसका परिचालक अब सप्ताह में 3 दिन शुरू किया गया है जिसे आम जनमानस रीवा चिरमिरी और चिरमिरी रीवा का प्रतिदिन परिचालन को लेकर मांग तेज हो गई है। ट्रेनों के असमय चलने के कारण आम जनमानस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ती महंगाई के बोझ तले दबे आम जनता अब बिलासपुर जोन रेलवे की तानाशाही रवैया से काफी परेशान हो चुकी है। 


बंद पड़ी ट्रेनों को शुरू करने की मांग


चंदिया से चल कर चिरमिरी और चिरमिरी से चंदिया चलने वाली ट्रेन करोना काल के समय से बंद कर दी गई थी जिसका परिचालन अब तक शुरू नहीं किया गया है। वही चिरमिरी से रीवा और रीवा से चिरमिरी तक चलने वाली ट्रेन को भी हफ्ते में 3 दिन का परिचालन शुरू किया गया है जो कि बिलासपुर जोन के चिरमिरी मनेंद्रगढ़ कोतमा बिजुरी बेल्ट को काफी प्रभावित कर रही है। उक्त ट्रेनों पर इन आदिवासी जिलों के यात्री यात्रा किया करते थे जो कि उक्त ट्रेनों के माध्यम से आसपास क्षेत्र में बाजार हाट और सामान खरीदी बिक्री का कार्य करते थे वहीं अधिकांश लोग उक्त ट्रेनों के माध्यम से अपने कामकाज में समय से पहुंच जाया करते थे लेकिन गाड़ियों के बंद होने से अब जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 



रेलवे की मनमानी से जनता की जेब भारी


भारतीय रेलवे प्रशासन बिलासपुर जोन की मनमानी से जनता के जेब में अतिरिक्त भार पड़ रहा है। करोना काल के समय सरकार द्वारा स्पेशल ट्रेनों के नाम पर यात्रा शुल्क में बढ़ोतरी की गई थी। जो कि अब तक स्थाई रखी गई है कोतमा से अनूपपुर का यात्रा शुल्क रेलवे में करोना के पहले 10 रुपये हुआ करता था, जो कि अब बढ़कर 30 रुपये हो गया है उक्त तरीके से रेलवे प्रशासन द्वारा की गई मनमानी के कारण आम जनमानस के जेब में तीन गुना अतिरिक्त भार पड़ रहा है, जिससे रेलवे से आने वाले सामान भी महंगे दर्पण क्षेत्रों में दिए जा रहे हैं। ट्रेन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली सब्जी भाजी भी अब महंगी हो चली है जिससे घर का बजट भी बिगड़ रहा है। रेलवे प्रशासन की मनमानी ने आम जनमानस के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है देखना यह है कि कब तक रेलवे प्रशासन की मनमानी का दंश आम जनमानस पर भारी पड़ेगा।



सही समय पर शुरू हो रेलवे का परिचालन: राजेश जैन


रेलवे के परिचालन को लेकर कोतमा के समाजसेवी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने रेलवे प्रशासन  से अनुरोध किया है कि पूर्व की परिचालन समय सारणी को लागू करते हुए ट्रेनों को यथावत शुरू करने के लिए बिलासपुर जोन को कदम उठाने चाहिए। कोतमा का व्यापार ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है ट्रेनों के सही समय से परिचालन ना होने के कारण व्यापार पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है अगर ऐसी ही स्थिति बनी रहती है तो भविष्य में आदिवासी क्षेत्र  व्यापारहीन हो सकता है। 



भाजपा की करनी का फल भोग रही जनता: मनोज अग्रवाल


कोतमा के पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल ने रेलवे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में होने के बाद रेलवे प्रशासन मानो प्राइवेट व्यक्ति के हाथ पर चला गया हो। आम जनमानस की सुविधा के लिए चलने वाली यात्री ट्रेनों को बंद कर कोयलांचल क्षेत्र से माल गाड़ियों का परिचालन तेजी से किया जा रहा है। कोयले के परिवहन कर प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाली भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता आम जनमानस की समस्या से बेहद दूर है अभी तो सांसद भारतीय जनता पार्टी का होने के बाद भी कोयलांचल क्षेत्र रेलवे प्रशासन से मिलने वाली सुविधाओं से काफी दूर है। भाजपा की करनी का फल जनता परेशानियों के रूप में भोग रही है। 



कोयलांचल क्षेत्र से रेलवे का सौतेला व्यवहार: अजय सराफ 


कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ ने कहा कि रेलवे प्रशासन द्वारा सदैव कोयलांचल क्षेत्र से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जबकि रेलवे प्रशासन की सबसे बड़ी आमदनी कोयलांचल क्षेत्र से हो रही है। कोयले के उत्पादन के बाद कोयले परिवहन का काम रेलवे प्रशासन द्वारा किया जा रहा है लेकिन कोयलांचल क्षेत्र के आम जनमानस को परेशानी के सिवाय रेलवे प्रशासन द्वारा कभी भी सुविधा प्रदान नहीं की गई है। रेलवे स्टेशन में यात्रियों के लिए बनाए गए शौचालय भी वर्षो से बंद पड़े हुए हैं। वहीं कई ट्रेनों का भी परिचालन बंद किया गया है। स्टेशन में पीने की पानी की सुविधा भी कोतमा स्टेशन में नहीं है। वहीं भारत सरकार की स्वच्छ भारत की मनसा को भी रेलवे प्रशासन पतीला लगा रहा है।

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