शासकीय अस्पताल में भी डिलेवरी के लगते है पैसे ? मामला कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का publicpravakta.com


शासकीय अस्पताल में भी डिलेवरी के लगते है पैसे ? 

मामला कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का 


 तंगी और गरीबी हालत में अच्छे इलाज के लिए मरीज शासकीय अस्पतालों में दूरदराज से आता है लेकिन चंद सिक्कों की खनक के कारण जिम्मेदार नर्स और डॉक्टर गरीबों का शोषण इलाज के नाम पर करते हैं। कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यह पहला मामला नहीं है जब नर्सों द्वारा डिलीवरी के लिए आए मरीजों से पैसों की मांग की गई हो। राजनीतिक रसूख के कारण हर बार कार्यवाही न होने के कारण नर्सों का हौसला बुलंदी पर है। तभी तो गरीब मरीजों को लूटने के लिए डिलीवरी के नाम पर कोतमा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पैसे मांगे जा रहे हैं। 



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 अनूपपुर/कोतमा :- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा सदैव विवादों से घिरा रहता है। ताजा मामला डिलीवरी के नाम पर उनके परिजन से 2 हजार नर्सों द्वारा संयुक्त रूप से मांगे जाने की बात सामने आ रही है। मामला सुबह 10 बजे का है जंहा कोतमा शासकीय अस्पताल में   सुषमा सिंह नामक महिला अपने पति धनेश्वर सिंह ग्राम डूंगरिया के साथ कोतमा हॉस्पिटल डिलीवरी कराने पहुंची थी। महिला की डिलीवरी दीपा रानी डॉक्टर द्वारा किया गया। डिलीवरी के बाद परिजनों ने जब नर्स से बच्चा मांगा गया तो  बच्चा सौंपने के बदले एक- एक हज़ार रुपये की मांग महिला के परिजनों से की गई है। 


कोतमा नपा अध्यक्ष से की शिकायत


डूंगरिया गांव से कोतमा हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए आई हुई महिला से जब नर्सों द्वारा पैसे की मांग की गई तो परिजनों के पास पैसा ना होने के कारण परिजनों ने इसकी शिकायत कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ से की शिकायत के बाद कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ को शिकायत पर कार्रवाई करने की बात कही। जिसके बाद बीएमओ ने  तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फोन लगाया गया और पीड़िता के परिजनों से किसी भी प्रकार की राशि ना देने के लिए कहा गया। तत्पश्चात उन्हें बच्चा सौंपा गया। 


बीएमओ ने जारी किया नोटिस


 शिकायत मिलते ही बीएमओ द्वारा ड्यूटी पर पदस्थ नर्सों को नोटिस जारी करते हुए उक्त मामले में सफाई मांगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विवादों में सदैव सुर्खियों में रहने वाली चंदा नर्स और लीला नर्स का नाम सामने आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि चंदा नर्स और लीला नर्स की सांठगांठ से पूर्व में भी मरीज और परिजन परेशान होते हैं। पूर्व में भी पैसे लेने के मामले संज्ञान में आए थे लेकिन राजनीतिक पकड़ होने के कारण मामले को रफा-दफा कर दबा दिया जाता था।  इस बार भी मामला नोटिस तक सिमट कर रह जाएगा क्योंकि पीड़िता ने लिखित रूप से शिकायत दर्ज नहीं कराई है। 


चंदा और लीला की जोड़ी से परेशान है मरीज


सदैव सुर्खियों में रहने वाली चंदा नर्स और लीला नर्स का मामला डिलीवरी में पैसे की लेनदेन का सामने आता रहता है। पूर्व में भी कई मामले को अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने आए थे जिन पर डिलीवरी के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगा था। उक्त मामले में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन बार-बार एक ही नर्स का नाम पैसे के लेनदेन में सामने आना संशय का विषय बन जाता है। राजनीतिक पकड़ होने के कारण सदैव यह नर्स कार्यवाही से बचती नजर आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हफ्ते भर पूर्व भी किसी मरीज से डिलीवरी के नाम पर 13 हजार की राशि वसूली गई थी लेकिन सबूत के अभाव और शिकायत ना करने के कारण इन नर्सों का हौसला इतना बुलंद था कि इस प्रकार की घटनाओं को यह दोबारा अंजाम दे रही है। 


इनका कहना है


हमारे द्वारा किसी भी प्रकार के कोई पैसे की मांग नहीं की गई डिलीवरी डॉ दीपा रानी की उपस्थिति में कराई गई।


         लीला पड़वार

 नर्स  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा


उक्त महिला के द्वारा जब नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ को फोन किया गया मैं उनके साथ था मैंने इस विषय में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है पीड़ित महिला ने अभी तक लिखित रूप से शिकायत नहीं की है।


                धनीराम सिंह श्याम

      ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कोतमा

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