वेयर हाउस के अंदर दो सैंकड़ा से अधिक कबूतरो की मौत,करीब 4 साल से बंद पड़ा है वेयर हाउस
निरीक्षण करने पहुंची पशु विभाग की टीम ने लिए नमूने, भेजा लैब
अनूपपुर :- जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 2 में स्थित म.प्र. वेयर हाउसिंग लॉजिस्टक कॉर्पोरेशन शाखा अनूपपुर के वर्ष 2019-20 से बंद पड़े गोदाम के अंदर लगभग 100 से 150 कबूतर मृत मिले। जिसे लेकर आसपास के लोगो में काफी नाराजगी देखी गई और इसकी जिम्मेदार वेयर हाउस को ठहराते हुये उन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बंद पड़े गोदाम के अंदर रखी एक्सपायरी डेट की कीटनाशक दवाईयो के कारण इतनी बड़ी संख्या में कबूतरों की जान गई है। जानकारी लगते ही पशु विभाग के उपसंचालक डॉ. ए.टी. पटेल के साथ पांच सदस्यीय डॉक्टर की टीम निरीक्षण करने वेयर हाउस पहुंची। लेकिन वेयर हाउस के जिला प्रबंधक अशोक रघुवंशी किसी कार्य हेतु भोपाल में होने के कारण गोदाम का ताला नही खुल सका है। वहीं कोतमा प्रबंधक ने शाम 7 बजे गोदाम का ताला खुलने पर बडी संख्या में मृत कबूतरों के नमूने डॉक्टरों की टीम ने एकत्र कर जांच के लिए लैब में भेजा गया हैं जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेंगी।
जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 2 में स्थित वेयर हाउस गोदाम जर्जर हो जाने के कारण कॉर्पोरेशन द्वारा वर्ष 2019-20 में मेंटनेंस का कार्य किया जा रहा था, गोदाम के ऊपर सीट बदलते समय एक मजदूर की नीचे गिर कर उपचार के दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद कॉर्पोरेशन ने मेंटनेंस का कार्य बंद कर दिया और गोदाम को बंद कर दिया गया। लेकिन इसके बाद खाद्यान्न की सुरक्षा के लिये उपयोग में लाये जाने वाले तीन पेटी कीटनाशक दवाई (सल्फास) तथा वर्ष वर्ष 2009-10 में खाद्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाही में 25 बोरी गेहॅू जब्त कर वेयर हाउस को सुपुर्द किया गया था। जहां गेहूं खराब होने की स्थिति में उसे भी गोदाम के अंदर रखकर ताला लगा दिया गया था। इस बीच बारिश के दिनों में गोदाम में रखे कीटनाशक दवाई व गेहॅू दोनो खराब हो गये और कीटनाशक दवाई (सल्फास) गेहॅू में मिल गया और गेहॅू के दाने को चुगने के लिये गोदाम के ऊपर लगी टूटी सीट से अंदर आये लगभग 100 से 150 कबूतरों उन्ही गेहॅू के दाने को खाने से मौत हो गई। प्रभारी वेयर हाउस के जिला प्रबंधक प्रीति शर्मा ने बताया कि बंद गोदाम के ऊपर लगी सीट टूटी हैं जिससे पक्षी अन्दंर आ कर एक्सपायरी डेट की 3 कॉटन कीटनाशक दवाई (सल्फास) व जप्त गेहॅू खाया होगा और इसके कारण मौंत हो सकती हैं। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेंगी।