इंटक के राष्ट्रीय अधिवेशन में मजदूर कानून हितों के रक्षा का लिया संकल्प , निजीकरण का विरोध
अनूपपुर :- मोदी सरकार मन की बात करतीं है , देश की जनता एवं मजदूरों की काम की बात नहीं करती इतने वर्षों में कांग्रेस सरकारों ने कई कानून मजदूर वर्गों के हित में बनाए थे 2014 के बाद मोदी सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रों के लिए इन मजदूर हितों के कानून को कमजोर कर उद्योगपति को फायदा पहुंचाया है उक्त उद्गार राष्ट्रीय इंटक के 33 वे अधिवेशन तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली के राष्ट्रीय मंच से व्यक्त किया
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस का अधिवेशन की अध्यक्षता इंटक अध्यक्ष डा० संजीव रेड्डी ने किया इंटक के महामंत्री संजय सिंह ने अधिवेशन का संचालन किया कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण सिंह, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, प्रतिभा वीरभद्र सिंह, आदि ने भी संबोधित किया देशभर से कोयला , रेलवे , एल आई सी , अन्य सभी इंटक के श्रम संगठन के पदाधिकारी इस राष्ट्रीय अधिवेशन में भारी संख्या में उपस्थित थे
राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के श्रम संगठनों ने संयुक्त संघर्ष समिति इंटक नेता श्री रेड्डी के नेतृत्व में बनाकर देश में 44 श्रम कानून जो करोना काल में खत्म किए उन्हें वापस लाने , निजीकरण कर देश के सरकारी सेक्टर को उद्योगपतियों को बेचने का पुरजोर विरोध करने , नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की लड़ाई लड़ी जाएगी
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के प्रमुख इंटक नेता शामिल हुए जिनमें प्रमुख रूप में मध्य प्रदेश इंटक अध्यक्ष आर डी त्रिपाठी , इंटक राष्ट्रीय सचिव पी के राय , इंटक म.प्र महामंत्री रामराज्य तिवारी , प्रदेश सचिव विक्रमा सिंह , इंटक नेता भुरा यादव रेलवे इंटक नेता डी विजय कुमार, लक्ष्मण राव, भीमराव बोदलकर, बी डी प्रसाद आदि शामिल हुए