आरआइ, के काम पर सवाल, 19 दिन बाद भी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की बरगवां शासकीय मेला भूमि, खसरा क्रमांक 144 /1 रकवा 0.9100 से नहीं हटाए जा रहा है अतिक्रमण publicpravakta.com


आरआइ, के काम पर सवाल, 19 दिन बाद भी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की


बरगवां शासकीय मेला भूमि  खसरा क्रमांक 144 /1 रकवा 0.9100 से नहीं हटाए जा रहा है अतिक्रमण


अनूपपुर  :- बरगवां  में भू-माफिया द्वारा किए गए कब्जे की जांच में अतिक्रमण पाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालात यह हैं कि आरआइ नपती के 19 दिन बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं कर रहे। सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ये स्थिति बनी है। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची है। बरगवां के हनुमान मंदिर  के पास  भू-माफियाओं ने शासकीय मेला भूमि  खसरा क्रमांक 144 /1 रकवा 0.9100  पर अतिक्रमण कर कब्जा कर रखा है। समाचार पत्रों के माध्यम से मिली जानकारी पर तहसीलदार भगीरथ लहरे ने आर आई नाथूलाल कोरी को  जांच करवाने के निर्देश दिए थे। तहसीलदार के आदेश पर राजस्व  दल ने लगभग 19 दिन पूर्व नपती कर ली। मौका पंचनामा  पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की मौखिक पुष्टि भी कर दी थी ,लेकिन नपती की रिपोर्ट तहसीलदार कार्यालय को अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई। नियमानुसार आरआई को रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी ही भू-माफियाओं से मिलकर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करवा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी भी इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।  मामले की मुख्यमंत्री व वरिष्ठ अधिकारियों को तथ्यात्मक शिकायत कर भू-माफिया के साथ जो अधिकारी इन्हें बचा रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई करने की मांग की है।  वहीँ  सूत्रों की मने तो अतिक्रमी द्वारा खुले तौर पर यह बोला जा रहा है की हमारा कोई भी एक ईंट भी नहीं हिला सकता  हमने सब मैनेज कर लिया है अतिक्रमण की रिपोर्ट हमारे मन मुताबिक बनेगी, हम अतिक्रमण को आवासीय बताकर एवं नाममात्र का जुर्माना लगवा कर मामले को स्थगित  करवा कर बच जायेंगे। जबकि अतिक्रमी वहां निवास भी नहीं करता, अतिक्रमी के बरगवां गांव में ही  इसके अलावा तीन और मकान है जहाँ बताया जा रहा है की एक और मकान आदिवासी की जमीन पर कब्ज़ा कर बनाया गया है ।   


अतिक्रमण हटाने की क्या है  प्रक्रिया ?


अतिक्रमण का मामला संज्ञान में आने पर तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण कारी के संबंध में आर आई एवं पटवारी को  निर्देशित कर जांच कराई जाती है । आर आई एवं पटवारी की जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसीलदार द्वारा नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने के लिए समय दिया जाता है। इसके बाद भी कब्जा न छोड़ने पर सक्षम अधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है ।शासकीय  भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए मप्र भू राजस्व सहिंता की धारा 248 के अंतर्गत जिला स्तर पर तहसीलदार तथा अनुविभाग  स्तर पर अनुबिभागीय अधिकारी को पर्याप्त अधिकार प्रदत्त है, इन प्रावधानों में सरकारी भूमि का अतिक्रमण हटाए जाने के लिए प्रति ग्राम प्रति हेक्टेयर का मासिक लक्ष्य भी निर्धारण किया गया है।

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