धर्म, आध्यात्म, योग, ट्रैकिंग बना अमरकंटक की पहचान publicpravakta.com

 


धर्म, आध्यात्म, योग, ट्रैकिंग बना अमरकंटक की पहचान


एसटीपी निर्माण , नर्मदा संरक्षण सरकार के लिये बड़ी चुनौती


( मनोज कुमार द्विवेदी --- अनूपपुर- मप्र )


अनूपपुर/अमरकंटक :- कुछ महीने पहले तक पवित्र नगरी अमरकंटक और नर्मदा संरक्षण को लेकर यहाँ हुई एक हाई प्रोफाइल बैठक में तमाम चिंताए जाहिर की गयी थीं। पर्यावरण - संस्कृति संरक्षण को लेकर देश - प्रदेश में चिंतन - चिंताओं का दौर लगातार चलता ही रहता है। धर्म और आध्यात्म की पवित्र नगरी अमरकंटक में राजनैतिक गतिविधियों को लेकर भी कोई बहुत अच्छी प्रतिक्रिया नहीं रही है। इस हिसाब से नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर अमरकंटक महोत्सव 2023 एक शीतल फुहार सी लेकर आया है। तीन दिवसीय यह समारोह जिस विशुद्ध गैर राजनैतिक परिवेश में व्यवस्थित, शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हो रहा है ,यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं, भक्तों, साधु - संतों एवं तमाम मन्दिरों से जुड़े पुजारियों ने संतोष जाहिर किया है। यह कहा जा सकता है कि नर्मदा ,सोन ,जोहिला जैसी प्रमुख नद - नदियों के उद्गम के साथ धर्म, आध्यात्म, योग, ट्रैकिंग पवित्र नगरी अमरकंटक की प्रमुख पहचान बन गया है।*

      कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा के मार्गदर्शन एवं जन प्रतिनिधियों, स्थानीय साधु - संतों , मन्दिर के पंडों‌- पुजारियों, समाजसेवियों , पर्यावरणविदों, पत्रकारों के सुझावों पर बेहतर नर्मदा उद्गम मन्दिर ट्रस्ट, स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन द्वारा कुशल क्रियान्वयन का प्रतिफल  अमरकंटक महोत्सव 2023 को माना जा रहा है। 

27 - 28 जनवरी को मध्यप्रदेश शासन के मंत्री बिसाहूलाल सिंह, सांसद हिमाद्री सिंह, विधायक फुन्देलाल सिंह, नगर परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ कलेक्टर सुश्री मीना ,पुलिस अधीक्षक राजेश पंवार सहित अन्य लोगों की उपस्थिति में सभी तय कार्यक्रम व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुए। शोभायात्रा, नर्मदा पूजन, महा आरती,हवन, भजन, भंडारा, योग ,ट्रैकिंग ,सांस्कृतिक आयोजन सब कुछ व्यवस्थित । कुछ वर्षों से अमरकंटक महोत्सव पर राजनैतिक कुदृष्टि का असर जो लोग देख पा रहे थे , 2023 का यह आयोजन उससे बिल्कुल मुक्त दिखा। आयोजन को लेकर अमरकंटक के एक ख्याति लब्ध संत ने टिप्पणी की कि नर्मदा ही अमरकंटक की प्रमुख पहचान हैं। उनकी कृपा से देश फल फूल रहा है। इसलिए नर्मदा जी और अमरकंटक की शुद्धता, पवित्रता स्वच्छता से ही संभव है। यह स्वच्छता शारीरिक, मानसिक, वाचिक,कार्मिक होना चाहिए ।

    2023 अमरकंटक महोत्सव से खुश यहाँ के एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि जिला प्रशासन और स्थानीय आश्रमों- मन्दिरों, ट्रस्ट की योजना का उत्कृष्ट क्रियान्वयन है इस वर्ष का पर्व। पूर्णतः धार्मिक, आध्यात्मिक , सांस्कृतिक और परंपराओं से ओतप्रोत । यह आने वाले वर्षों के लिये अनुकरणीय उदाहरण होगा।

*माँ नर्मदा की भव्य शोभा यात्रा---* 

पवित्र नगरी अमरकण्टक में नर्मदा जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ माँ नर्मदा के उद्गम मंदिर से मां नर्मदा की सुसज्जित झांकी की शोभा यात्रा निकाल कर की गयी। माँ नर्मदा मन्दिर, उद्गम स्थल एवं मंदिर परिसर को रंग बिरंगे फूलों की माला से सुन्दर आकर्षक ढंग से सजाया, संवारा गया है। माँ नर्मदा के उद्गम स्थल नर्मदा मंदिर से नर्मदा की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें माँ नर्मदा को फूलों से सुसज्जित रथ में विराजमान किया गया था। शोभायात्रा में  जन प्रतिनिधि , परिक्रमावासी, सामाजसेवी , आश्रमों, मंदिरों के साधु-संत, पुजारी, व्यापारी, महिलाएं,  लोक कलाकार तथा बैण्ड पार्टी के साथ ही नर्मदे हर की तख्ती लिए श्रृद्धालु भक्तों ने उत्साह, उमंग के साथ सहभागिता की है।

*नर्मदा स्वरुपा कन्या पूजन*  

नर्मदा जी का उद्गगम् अमरकंटक से हुआ है। यहां उनका बाल्य स्वरुप माना जाता है। परंपरागत रुप से इस वर्ष भी अमरकंटक नर्मदा महोत्सव 2023 में नर्मदा उद्गम मंदिर परिसर में माँ नर्मदा जन्मोत्सव पूजा-अर्चना , हवन उपरांत कन्या पूजन किया गया। 

251 कन्याओं का विधिवत पूजन  पश्चात कन्या भोज भी कराया गया। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने सभी आयोजनों से पूर्व कन्या पूजन की परंपरा शुरु की थी। जिसका पालन अमरकंटक महोत्सव में भी किया गया।

*ट्रेकिंग से पर्यावरण दर्शन---*

अमरकंटक नर्मदा महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन में पर्यावरण और प्रकृति को नजदीक से देखने ,समझने के लिये  सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ ट्रेकिंग की गतिविधियाँ आयोजित की गयी ।     

     प्रतिदिन सुबह नर्मदा नदी के तट पर मैकल पार्क में योगाभ्यास तो वहीं अमरकंटक की वादियों में चार रूटों पर प्रतिदिन प्रातः 8 से 10 बजे तक ट्रेकिंग गतिविधि का आयोजन किया गया । वन विभाग द्वारा शम्भुधारा से पंचधारा, पंचधारा से कपिलधारा, कबीर चबूतरा से धोनीपानी एवं धोनीपानी से सोनमूँड़ा .... इन चार रूट में प्रतिदिन ट्रेकिंग गतिविधि का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने बढ चढ कर हिस्सा लिया। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ट्रेकिंग गतिविधि विशेष रूप से युवाओं को आकर्षित कर रही है। 

*योग---* वहीं तीन दिन तक प्रात: योगाभ्यास में युवाओं के साथ नागरिकों ने भी शामिल होकर स्वास्थ्य लाभ लेते दिखे ।

*मुख्यमंत्री ध्यान दें---*

आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का अमरकंटक आगमन हो रहा है।  उनके लिये अमरकंटक में एसटीपी का निर्माण , मिनी स्मार्ट सिटी के शेष कार्य की पूर्णता बड़ा चैलेन्ज हैं। नर्मदा की स्वच्छता और पर्यावरण का संरक्षण उनके लिये कितना महत्वपूर्ण है ,यह कुछ माह पूर्व अमरकंटक में स्वयं उनकी उपस्थिति में राष्ट्रीय प्रचारक श्री सुरेश सोनी, केन्द्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल, श्री भूपेन्द्र यादव, श्री सुहास भगत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों, उच्चाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक से परिलक्षित हो चुका है। 

2021 मे मुख्यमंत्री ने अमरकंटक में ही प्रतिदिन एक पौधा रोपने का जो भागीरथी संकल्प लिया था ,वह पुनीत कार्य आज भी सतत जारी है। हजारों लोगों के लिये वह अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है। 

      इसी बैठक में उन्होंने अमरकंटक से यू के लिप्टिस के उन्मूलन का जो निर्देश दिया गया था, उसका प्रभाव दिख रहा है। विगत कुछ माह में भुण्डाकोना -- अमरकंटक मार्ग के दोनों ओर इस पर कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर सोनिया मीणा एवं जिले के पूर्व वन मण्डलाधिकारी श्री कलीम ने प्रभावी कार्य किया है। बड़े हिस्से के लिप्टिस को समूल नष्ट करके वहाँ अन्य प्रजातियों के पौधे रोपे गये हैं। जबकि शेष हिस्से के यू के लिप्टिस का उन्मूलन किया जा रहा है। जल और पर्यावरण संरक्षण के लिये यह इस क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि है।

      पवित्र नदी में नगर की गन्दगी का अनवरत गिरना चिन्ता का विषय है। यदि मुख्यमंत्री श्री चौहान अमरकंटक सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों की नदियों में मानव जनित गन्दगी का प्रवाह रोक पाए तो इससे श्रद्धालुओं के आशीर्वाद सहित आने वाली पीढियों के लिये सच्चे नर्मदा रत्न साबित होंगे।

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