सातवा वेतनमान की मांग को लेकर 22 फरवरी से सोन नदी के बैराज मार्ग पर शुरू होगा अनिश्चितकालीन धरना - सहसराम
अनूपपुर/जैतहरी :- संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू जैतहरी जिला अनूपपुर का साधारण सभा ग्राम क्योटार में कामरेड जुगुल किशोर राठौर के अध्यक्षता में संपन्न हुआ । बैठक में राय आया की मोजर बेयर पावर प्लांट जैतहरी के प्रबंधन द्वारा किसान एवं मजदूरों के साथ छलावा किया जा रहा है, जिसके कारण किसानों को अपनी जमीन का न तो सही ढंग से मुआवजा मिला और ना ही उनके परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली। जिन खातेदारों के परिवार के सदस्यों को नियमित रोजगार दिया गया है उन्हें भी वेतन नाम मात्र के दिया जा रहा है । जिला अनूपपुर के कोयला आधारित मध्य प्रदेश सरकार के उपक्रम अमरकंटक ताप विद्युत परियोजना में सातवें वेतन मान लागू है , जिसके तहत अकुशल श्रमिक का काम करने वाले स्थाई कर्मचारियों को ₹26000 मासिक वेतन के अलावा आवासीय सुविधा आवागमन के साधन एवं अन्न सुरक्षा से संबंधित सुविधाएं दी जा रही है , किंतु वहीं अनूपपुर जिला में कोयला आधारित संयंत्र मोजर बेयर पावर प्लांट भी है , किंतु मजदूरों को 8000 महीना से लेकर ₹10000 वेतन दिया जा रहा है ।मजदूरों को आवागमन की सुविधाएं एवं आवासीय सुविधाएं नहीं दी जा रही है, जिसके कारण मजदूर अपने वाहन से आवागमन करता है और महीने में ₹3000 से अधिक का पेट्रोल जला देता है । मजदूरों को मात्र महीना में 5000- 6000 वेतन ही बच पाता है जो इस मंहगाई के दौर में उनके परिवार का गुजर-बसर के लिए पर्याप्त नहीं है ।
बैठक में मोजर बेयर पावर प्लांट के एचओडी त्रिदीप दत्ता के द्वारा श्रमिक गणेश राठौर के साथ-साथ दर्जनों मजदूरों के साथ किए जा रहे बदतमीजी पर अफसोस जाहिर किया गया एवं प्रबंधन व प्रशासन से मांग किया है कि ऐसे बदतमीज अधिकारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए श्रमिक गणेश राठौर को काम पर बिना शर्त के वापस लिया जाए साथ ही प्रबंधन के द्वारा श्रमिक से माफीनामा लिखवाए जाने के जिद पर श्रमिक का दिसंबर माह की मजदूरी का भुगतान रोके रखा है जिसे तत्काल भुगतान करवाई जाए साथ ही श्रमिक को बैठे दिन का हाजरी दिया जाए ।
उल्लेखनीय है कि मोजर बेयर पावर प्लांट के एचओडी त्रिदीप दत्ता के द्वारा श्रमिकों को मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां दी जाती है और श्रमिक के द्वारा गाली नहीं दिए जाने का अनुरोध करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाताना है और श्रमिक के द्वारा नोटिस का सत्यता के आधार पर जवाब दिया जाता है तो जवाब को अमान्य कर दिया जाता है और माफीनामा लिखवाए जाने का जिद पर प्रबंधन अडिग रहता है जब तक श्रमिक माफीनामा नहीं देता है तब तक प्रबंधन उसे काम नहीं देता है । यह कोई 1-2 मामला नहीं है बल्कि उस बदतमीज अधिकारी त्रिदीप दत्ता के द्वारा दर्जनों मजदूरों के साथ बदतमीजी किया गया है । और प्रबंधन उसके पढ़ाई लिखाई का हवाला देकर उसके पापों पर लीपापोती कर उसका बचाव करके और आक्रामक बना दिया है।
बैठक में बीते दिनों फरवरी 2022 में सीएसआर से हटाए गए मजदूरों को काम पर वापस लेने, सीएसआर का आय-व्यय की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग पर भी चर्चा किया ।
उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के महासचिव कामरेड सहसराम चौधरी ने देते हुए बताया कि हमारी संगठन लगातार किसान एवं मजदूरों के हित में संघर्ष करता रहा है । आगामी दिनों में किसानों के उत्पाद का समर्थन मूल्य की गारंटी, मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को 200 दिन का काम की गारंटी एवं ₹500 प्रतिदिन की मजदूरी, किसानों का बैंक के संपूर्ण कर्जा माफ किए जाने की मांग को लेकर 22 फरवरी 2023 से सोन नदी में बने बैराज पहुंचने के लिए सड़क में क्योटार के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है । जब तक हमारी मांगों को सदभावना पूर्वक विचार करते हुए प्रबंधन, प्रशासन एवं मध्य प्रदेश सरकार पूरी नहीं करती है तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी ।