विधानसभा में गूंज सकता है जिले में खेल सामग्री खरीदी का मामला publicpravkta.com


विधानसभा में गूंज सकता है जिले में खेल सामग्री खरीदी का मामला 


अनूपपुर :- विगत वर्षो में  सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में खेल सामग्रियों की खरीदी का मामला एक बार फिर गर्माने वाला है ?   पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस विधायक   फुन्देलाल सिंह ने विधानसभा में  अनूपपुर जिले में वर्ष 2020 से अब तक किन विद्यालयों द्वारा कौन कौन सी खेल सामग्री क्रय की गई है और खेल सामग्री किस फर्म ने प्रदाय की है सभी की जानकारी विधान सभा के माध्यम से मांगी है । जिले में शिक्षण सत्र  19- 20 , 20-21 और 21- 22 में खेल सामग्री की खरीदी की गई थी , आश्चर्य की बात यह है कि शिक्षण सत्र 21 --22 में जब कोविड काल था और स्कूलों के ताले भी नही खुले थे लेकिन विद्यालयों में खेल सामग्री विभाग के आला अधिकारियों द्वारा शिक्षकों पर दवाव बनाकर खरीदी करा दी गई थी 


महज नोटिस तक सिमट गई थी कार्यवाही 


सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 21 - 22 में के खेलों इंडिया खिले इंडिया अभियान के तहत जिले के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में खेल सामग्री खरीदी गई थी और नियमो के विपरीत  खरीदी करने के आरोप विभाग के अधिकारियों पर लगे थे आरोप लगने पर डीपीसी द्वारा जन शिक्षकों व बीआरसी को नोटिस बाटे गए थे लेकिन कितनो ने नोटिस का जवाब दिया और नोटिस के बाद कितनो पर कार्यवाही हुई इसका खुलासा अब तक नही हों पाया है ।


डीपीसी और बीआरसीसी पर लगे थे गंभीर आरोप 


खेल सामग्री खरीदी मामले में डीपीसी और बीआरसीसी  पर खेल सामग्री नियम विरुद्ध तरीके से खरीदे जाने के सीधे आरोप लगे थे कई विद्यालयों के शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि सीधे जिला और ब्लाक कार्यालय से फोन आया था और खेल सामग्री का भुगतान करने के लिए कहा गया था ।


जिले के एक उद्योगपति से की गई थी खरीदी 


खेल सामग्री खरीदने के लिए विद्यालय के पालक शिक्षक संघ को स्कूल की परिस्थितियों और पूर्व में कई गई खरीदी के आधार पर खेल सामग्री खरीदीं जानी थी लेकिन जिला और ब्लाक से सीधा आदेश जारी कर दिया गया था और मनमाने तरीके से खेल सामग्री विद्यालय में भेज दी गई थी , विद्यालय के पालक शिक्षक संघ की कोई भूमिका खेल सामग्री खरीदी में नही थी जिले के एक उद्योगपति को से सीधे खेल सामग्री खरीद ली गई थी ।


इन  खेल सामग्री को खरीदने के थे आदेश 


मैदान एवं स्कूल में पहले से मौजूद खेल सामग्री के आधार पर किया जाना है। इसके तहत यदि किसी स्कूल में मैदान नहीं है तो क्रिकेट की सामग्री न खरीदी जाए। खेल सामग्री उपलब्ध कराने के पीछे विभाग का उद्देश्य स्कूलों में छिपी प्रतिभाएं सामने लाने का है। आदेश के साथ खेल सामग्री की सूची भी भेजी गई है। आदेश में साफ किया गया था कि क्षेत्रीय खेलों के लिए सामग्री खरीदी जा सकती है। खेल सामग्री के उपयोग एवं देखरेख के अतिरिक्त मैदान में खेलते समय बच्चों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी खेल शिक्षक और शिक्षकों की होगी।खेलों के लिए लकड़ी और प्लास्टिक क्रिकेट बैट, क्रिकेट स्टंप, सॉफ्टबाल, टेनिस बाल, प्लास्टिक बाल, फुटबाल,बास्केबाल आदि की खरीदी की जा सकती है।


प्राथमिक को 5 हजार रु व माध्यमिक को 10 हजार रु की खरीदनी थी खेल सामग्री


राज्य शासन के आदेश के अनुसार इसके लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों को 05 हजार, उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 10 हजार रुपए प्रदान किए गए हैं। इस धनराशि से विद्यालयों में खेल सामग्री खरीदी जाएगी लेकिन यह खेल सामग्री स्कूलों की भौतिक स्थिति जैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अनुपपुर जिले उस वक्त 1153 प्राथमिक विद्यालय व 356 माध्यमिक विद्यालय थे  जिनमें खेल सामग्री खरीदी की गई थी 


जिले को हुआ था लगभग 1 करोड़ रु  का हुआ था आवंटन 


इस योजना के लिए अनुपपुर जिले को लगभग एक करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था जिसमे खरीदी का जिम्मा स्कूल प्रबंधन समिति को दिया गया था। किंतु जिले में ऐसा न कर सीधे जन शिक्षक के माध्यम से खेल सामग्रियों को स्कूल तक पहुचा दिया गया और भुगतान भी वही से करा दिया गया। 


अर्णव बिल्डकॉन को हुआ था लाखो का भुगतान 


बिजुरी के व्यापारी अर्णव बिल्डकॉन से लाखो रु का भुगतान खेल सामग्री के नाम पर करा दिया गया था, नाम से ही जाहिर है कि तह कोई खेल सामग्री बेचने वाली दुकान नही है फिर भी विभाग के जिम्मेदारों ने अर्णव बिल्डकॉन को लाखो रुपये का भुगतान करा दिया था ।


इनका कहना है 


बच्चो के शारीरिक व मानसिक विकाश के लिए खेल अति आवश्यक होता है और इसी को ध्यान में रखते हुए खेल सामग्री स्कूलों की भूगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर खरीदने की जिम्मेदारी संस्था के प्राचार्य रही लेकिन एक मुस्त व्यापारियो से सप्लाई करवाकर चेक एकत्रित किए गए जिससे एक ओर अनावश्यक और घटिया सामग्री वितरित हुई वही दूसरी ओर जमकर भ्रस्टाचार हुआ ।और वह आवश्यक रूप से जांच का विषय है, इसी ओर हमारा प्रयास जारी है


     फुन्देलाल सिंह 

 विधायक पुष्पराजगढ़


 हमारे द्वारा तब खंड के बीआरसी को नोटिस जारी किए गए थे,तब उनके द्वारा जवाब प्रस्तुत किए गए थे जो उनके हिसाब से सही थे 


हेमन्द्र खैरवाल 

डीपीसी अनूपपुर

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