डा.जी.संजीवा रेडडी नेतृत्व वाला इंटक ही कांग्रेस का वास्तविक मजदूर प्रकोष्ठ है - विक्रमा सिंह
भारत के 3.5 करोड़ सदस्य वाले इंटक में हर्ष
अनूपपुर :- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी राष्ट्रीय महामंत्री के.सी.वेणुगोपाल (सांसद) ने 24 दिसम्बर को एक प्रेसनोट जारी कर बातये है कि डा.जी.संजीवा रेडडी नेतृत्व में चलने वाला इंटक ही कांग्रेस का वास्तविक मजदूर प्रकोष्ठ है । उक्ताश्य की जानकारी मध्यप्रदेश इंटक के प्रदेश संगठन मंत्री विक्रमा सिंह ने दी । श्री सिंह ने बताये कि अटल बिहार वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुये भी विवाद प्रकाश में आये थे लेकिन तत्कालीन कोयला मंत्री कडिया मुण्डा ने सोनिया गांधी जी से मिलकर विवाद को प़टाक्षेप कर दिया और इंटक कोयला उद्योग के 9वें वेतन समझौता इतिहासिक तय कराया था । आज जिस तरह केन्द्र सरकार मजदूर, किसान, कामगरों के लिये काम कर रही है । उस स्थिति को देखते हुये कांग्रेस के पुर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी नेे इंटक के गुटीय विवाद को समाप्त करने के लिये दो सदस्यों के रूप में श्री मल्लिकार्जुन खडगे व श्री दिग्विजय सिंह एक समिति का गठन किया था । जो इंटक संगठन में गुटो के बीच घर्षण के कारणों के बीच उभरे विभिन्न मुददों की जांच करने एवं आगे उन पर उचित विचार करने पर पाया कि डा.जी संजीवा रेड्डी के नेतृत्व चलने वाला इंटक ही कांग्रेस का मजदूर प्रकोष्ठ है । इंटक संगठन में आपसी न्यायलय विवादों को पटाक्षेप कराने के लिये कांगेस के राष्ट्रीय महामंत्री के.सी.वेणुगोपाल (सांसद) ने एक समन्वय समिति समिति बनाये है । जिसमें पांच संयोजक तारिक अनवर, हरीश रावत, के.मुरलीधरण ,राजमणि पटेल(सांसद), उदितराज(सांसद) है । संयोजक के द्धारा ददई दुबे गुट एवं रेड्डी गुट में सौहार्दपुर्ण तरीके से मतभेदों को खत्म कर ले तथा एक दुसरे के ऊपर किये गयें मामलों को वापस ले लें एवं साथ ही संगठन की चुनाव कराने का निर्देश दिया है । श्री सिंह कहा कि मध्यप्रदेश इंटक के प्रदेश अध्यक्ष आर.डी. त्रिपाठी जी ने 03 मार्च 2021 को ही मध्यप्रदेश कांगेस कमेटी के अध्यक्ष व पुर्व मुख्यमंत्री श्रीकमलनाथ जी के साथ इंटक एंव कांग्रेस की संयुक्त बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे विवादों को खत्म कराने की अपील किये रहे । आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इस प्रेस नोट को देख कर विक्रमा सिंह ने कहा कि कांगेस ने सराहनीय पहल किया है । मध्यप्रदेश इंटक परिवार का मानना है कि देश में मजदूरों के हितों की रक्षा के लिये इंटक मजदूरों का एक बडी आवाज व ताकत है जो लोक कल्याणकारी योजनाएं बनाने एवं निर्णय लेने के संबंधित सरकारों/सत्तासिनों को बाध्य करती है ।