कहा - अध्यक्ष व नपा सीएमओ ने मिलकर खाए 13 करोड़ रुपए, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
अनूपपुर :- जिले के बिजुरी नपा के शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने अपनी ही पार्टी के पूर्व परिषद को भ्रष्टाचारी बताया। उन्होंने बिजुरी नगर पालिका के खाते से 13 करोड़ रुपए का घोटाले का आरोप मंच से लगा दिया। मंत्री ने कहा कि अध्यक्ष एवं नपा सीएमओ दोनों से पूछने पर एक दूसरे पर आरोप लगाते थे। दोनों नपा के पैसे निकालकर खा जाते थे। मंत्री ने भाजपा के ही पूर्व अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन पर कार्रवाई की बात कही। मंत्री ने कहा यह नटवरलाल की तरह पैसा निकाल कर खा जाते थे। इसका का विडियो सोशल मिडिया में मंगलवार को जमकर वायरल हो रहा हैं। कार्यक्रम में मंत्री के साथ पूर्व विधायक दिलीप जैसवाल, पूर्व जिला अध्यक्ष अनिल गुप्ता सहित दर्जनों वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल हुए थे। वायरल विडियों में खाद्य मंत्री ने समारोह के मंच से कहा कि 13 करोड़ का घोटाला पूर्व परिषद ने किया है, कितना और किस-किसने किया है, उसकी सारी जानकारी मेरे पास है। हाल ही में नगरी निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं वर्तमान में भाजपा की परिषद नगर पालिका बिजुरी में बैठ रही है। इसके पूर्व परिषद भी भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़ने वाले पुरुषोत्तम सिंह पूर्व नपा के अध्यक्ष रहे थे। जिन पर लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। मंत्री ने की कार्रवाई की मांग भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद अनूपपुर एसपी द्वारा टीम गठित कर जांच करवाई गई थी। इसमें 13 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला लंबित है। जिसको लेकर खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री ने नई परिषद के शपथ समारोह में कहा कि दुख इस बात का है कि भ्रष्टाचार हुआ, उस पर जांच हुई, प्रकरण पंजीबद्ध हुआ पर कार्रवाई नहीं हुई। खाद्य मंत्री के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता व कोतमा के पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल ने भी मंच से अपनी ही पार्टी की परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। ज्ञात हो कि सोमवार 31 अक्टूरबर को बिजुरी नगर पालिका में नवनिर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन नगर पालिका कार्यालय परिसर में किया गया। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह इस आयोजन में शामिल हुए। दूसरी ओर कोतमा विधायक सुनील सराफ का आमंत्रण पत्र में नाम न होने से नाराज कांग्रेस पार्षदों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करते हुए इस पर अपनी नाराजगी जताई थी। नगर पालिका इस भूल पर सुधार करते हुए दूसरे कार्ड भी बनवाए गए लेकिन नाराज पार्षद फिर भी नहीं माने।