डीएफओ ने जिले के सर्पप्रहरियो को प्रदाय किया स्नेक किट
अनूपपुर :- वन मंडल अधिकारी अनूपपुर डॉ.ए,ए,अंसारी ने शुक्रवार को वन मंडल कार्यालय अनूपपुर में वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह के अंतिम दिन अनूपपुर जिले के विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में स्वेक्क्षिक रूप से कार्य कर रहे वन विभाग से पंजीकृत सात सर्प परियों को स्नेक किट प्रदाय कर जिले में मिलने वाले सर्पों की जानकारी के साथ निरंतर किए जा रहे रहवास क्षेत्रों से सर्पों के रेस्क्यू के कारण सर्पों की मृत्यु एवं उनके संरक्षण पर चर्चा की। इस दौरान मिली जानकारी अनुसार सर्पों के काटने से प्रभावित व्यक्तियों के शासकीय चिकित्सालय में उपचार दौरान अधिकतर पीडितो के स्वस्थ होने तथा अनभिज्ञता,नासमझी के कारण देशी उपचार व झाड़-फूंक के चक्कर में विलंब से पहुंचे कुछ सर्पदंश से पीड़ित पीड़ितों की मृत्यु होने की बातें सामने आई ।
इस दौरान जिला मुख्यालय अनूपपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वन्यजीव संरक्षक एवं सर्पप्रहरी शशिधर अग्रवाल ने वनमंडल अधिकारी को अवगत कराया कि अनूपपुर जिले में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में 6 पंजीकृत सर्पप्रहरी निरंतर कई वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिनके द्वारा वर्ष 2022 में वर्षा काल प्रारंभ माह जून से सितंबर के मध्य लगभग 2500 विभिन्न प्रकारों के सर्पों को जो शहरी एवं ग्रामीण अंचलों के रहवास क्षेत्रों या उनके आसपास खाने की तलाश में आज आने पर सूचना प्राप्त होने के दौरान सुरक्षित रेस्क्यू कर वन अधिकारियों/ कर्मचारियों की उपस्थिति में आबादी से दूर वनांचल क्षेत्रों में स्वतंत्र विचरण हेतु छोड़े गए हैं, इस वर्ष रेस्क्यू किए गए सर्वाधिक जहरीला कोबरा नाग प्रजाति का साप एवं जहरविहीन धामन(असडिया) साप सर्वाधिक मात्रा में मिले हैं वही बैंडिट करैत कामन करैत तथा रसलवाइपर जैसे जहरीले सांप भी मिले हैं,जहारविहीन सर्पों में अजगर,गोह ,पानी का सांप तथा अन्य प्रजाति के सर्पो का भी रेस्क्यू किया गया है,इस वर्ष जिले के गौरेला,केकरपानी एवं राजेंद्रग्राम के अमगवा,अनूपपुर के बरबसपुर में सपेरोे द्वारा दिखाए जा रहे सर्पों को गाव वालो की सूचना पर सपेरो से लेकर वन क्षेत्रों में छोड़े गए हैं,इस वर्ष मिली जानकारी अनुसार जिला चिकित्सालय अनूपपुर एवं जिले के शासकीय चिकित्सालय में 100 से अधिक सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों का चिकित्सकों की सूज-भूज तथा उपचार से इस वर्ष स्वस्थ हुए हैं,जबकि विलंब से अस्पताल पहुंचने पर इस वर्ष सबसे कम 11-12 लोगों की सर्पदंश से मृत्यु हुई है,सर्पप्रहरियो के निरंतर रेस्क्यू कार्य करने से आम जनों ने सापो को मारने की प्रथा में तेजी से कमी आई है वहीं निरंतर जागरूकता प्रदाय करने से सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति झाड़-फूंक वा अन्य संसाधनों को अपनाने की अपेक्षा किसी तरह के वाहन की व्यवस्था कर तत्काल शासकीय चिकित्सालय पहुंच कर उपचार कराने मैं विश्वास रख रहे हैं इस दौरान वन मंडल अधिकारी डॉ,ए,ए,अंसारी ने सर्पपरियों को सजगता एवं सचेत रहकर रेस्क्यू करने रेस्क्यू के बाद वन अधिकारियों/कर्मचारियों के समक्ष ही सपों को वनांचल क्षेत्र में छोड़े जाने की अपेक्षा की। इस अवसर पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के सर्पप्रहरी शशिधर अग्रवाल,छोटेलाल यादव,कोतमा के हरिवंश प्रसाद पटेल,चचाई के मनोज महाडिक उर्फ बंटी, जैतहरी के द्वारिका प्रसाद सेन एवं अमरकंटक क्षेत्र के भास्कर कुमार वर्मा को स्नेक किट प्रदाय की गई ।इस दौरान सर्पपरियों के साथ कोतमा वन परिक्षेत्र अधिकारी विकास सेठ, अमरकंटक क्षेत्र अधिकारी अंजुलेश सिंह वनमंडल कार्यालय के रवि परस्ते,टोप्पो बाबू प्रमुख रूप से उपस्थित रहे हैं