आजादी के 75 वर्ष बाद भी बिजली,सड़क को मोहताज पचरीपानी का बैगा समाज
अनूपपुर :- जिला मुख्यालय से महज 15 कि,मी, दूर स्थित ग्राम पंचायत लखनपुर के भुमिया-बैगा बाहुल्य पचरीपानी गांव में आजादी के 50 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीण जन सड़क व बिजली जैसी प्राथमिक जरूरतो से कोसों दूर रह कर वंचित है,इस हेतु जिम्मेवार जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन के समक्ष अनेको वार आवाज उठाने के बाद भी परिस्थितियां पूर्व की तरह बनी हुई है,चारो तरफ से भीषण जंगल व पहाडो के बीच बसे इस गाव मे विगत दिनों अचानक उल्टीदस्त की शिकायतों पर पीड़ितों को जिला अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस को बड़ी मशक्कत के बाद गांव के पास तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ज्ञातव्य की विगत 80 वर्षों के पूर्व से घने वन क्षेत्रों के बीच बसे भुमिया-बैगा बाहुल्य ग्राम पचरीपानी गाव में 18 घर भूमिया- बैगा एवं 3 घर गोड समाज के हैं जिसमें लगभग 100 लोग निवासरत है जिन्हें 50 वर्षों बाद भी आवागमन हेतु पहुच मार्ग एवं बिजली नहीं पहुंच सकी है,इस संबंध में गांव वालों ने बताया कि हम लोगों ने स्वयं व पंचायत की ओर से अनेकों बार जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए गांव तक पहुंच मार्ग एवं गांव में बिजली के लिए आवेदन कर बातचीत की लेकिन अभी तक हम लोगों को यह सुविधा प्राप्त नहीं हो सकी है जबकि बताया गया कि क्षेत्र के विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के द्वारा दो वर्ष पूर्व आदिवासी विकास मद से विद्युतीकरण कार्य हेतु सैंतीस लाख रुपए स्वीकृत कराया गया जिस पर चार कि,मी,के बीच 65 खंबे लगाए जाने है जिसका टेंडर होने के बाद वन विभाग से अनुमति को लेकर अधिक समय लग जाने के बाद अनुमति वन विभाग से मिल जाने पर भी विद्युतीकरण का काम ठेकेदार द्वारा अब तक प्रारंभ नहीं किया गया है,जबकि विद्युतीकरण हेतु एक वर्ष से अधिक समय से 65 खम्भे अगरियानार से पचरीपानी के बीच संग्रहित कर विभाग द्वारा रखा गया है वही अगरियानार तिराहा से पचरीपानी के मध्य चार कि,मी,की दूरी पर पहुंच मार्ग बनाए जाने को लेकर अनेकों बार पत्राचार किए गए लेकिन अब तक कहीं भी इस दुर्गम गांव के लिए सड़क निर्माण के संबंध ने कोई सार्थक हल नहीं निकल पाया है जिससे अत्यंत पिछड़े भूमिया-बैगा समाज के ग्रामीण आवागमन की सुविधा से निरंतर वंचित है,इस गांव में बैगा समाज के चार आवास बने हैं तथा वर्ष 1997 से प्राथमिक विद्यालय संचालित है गांव में तीन हैन्डपंप चालू स्थिति में है जिसका ही उपयोग ग्रामीण जन करते हैं आवागमन की सुविधा ना होने वर्षा काल में पैदल तक चल पाना संभव ना होने के कारण गांव के 10-12 बच्चे जो माध्यमिक विद्यालय लखनपुर में अध्ययनरत हैं नहीं पहुंच पाते हैं गांव में बिजली तथा पहुंच मार्ग को लेकर ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा एक पुन:क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री बिसाहूलाल सिंह एवं जिला प्रशासन से गांव की गंभीर समस्या को देखते हुए जल्द ही पहुंच मार्ग एवं विद्युतीकरण का कार्य कराए जाने की अपेक्षा की है,यह गांव चारों तरफ से जंगल एवं पहाड़ों पहाड़ों से गिरा हुआ है,जहां जंगल में हिंसक वन्य प्राणी के विचरण की स्थितियां बनी रहती हैं।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवालअनूपपुर