भाजपा को अनूपपुर नगर पालिका की सत्ता से बाहर रखने कांग्रेस बना सकती है निर्दलीय को अध्यक्ष
कंचन गजेंद्र सिंह दौड़ में सबसे आगे
अनूपपुर जिले में हुए नगरीय निकाय चुनाव में दो नगर पालिका और चार नगर परिषद में चुनाव हुए जिसमे किन्ही मे भी कांग्रेस की सत्ता आते नही दिख रही है । कांग्रेस में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफो की झड़ी भी लगी हुई है , अनूपपुर नगर पालिका में हुए चुनाव में 15 वार्डो में भाजपा को 7 और कांग्रेस को महज 3 सीटे मिली है तो वही निर्दलीय प्रत्याशियों ने 5 सीटो में विजय प्राप्त की है नगर की सरकार बनाने के लिए 8 सीटो का जादुई आंकड़ा चाहिए होगा भाजपा नगर पालिका में सबसे बड़ा दल तो है लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़े से 1 सीट दूर है उसे नगर की सरकार बनाने के लिए किसी 1 निर्दलीय के समर्थन की जरूरत होगी वही निर्दलीय और कांग्रेस को मिला दिया जाए तो वह बहुमत के आंकड़े तक पहुच रहे है, भाजपा को जिला मुख्यालय की नगर पालिका में सत्तासीन होने से रोकने के लिए कांग्रेस 5 निर्दलीयों में से किसी 1 को अध्यक्ष बनाकर उपाध्यक्ष पद अपने पास रख सकती है । भाजपा अनूपपुर जिला मुख्यालय की सत्ता से पिछले 2 पंचवर्षीय से बाहर है और तीसरी बार अपने गलत टिकट वितरण के कारण वह सत्ता के मुहाने पर आकर रुक गई है भाजपा के टिकट वितरण से नाराजगी जताते हुए पार्टी कार्यकर्ता कई वार्डो में बागी होकर निर्दलीय मैंदान में उतर गए जिनमे से वार्ड 1, 12, 14,और 15 में भाजपा के बागी प्रत्याशियों ने भाजपा के ही अधिकृत प्रत्याशियों को पराजित कर विजय हासिल की है इन वार्डो में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर था । वार्ड 1 से अंजुलिका शैलेन्द्र सिंह, वार्ड 12 से सुनीता जयकिशन बियानी, वार्ड 14 से कंचन गजेंद्र सिंह , वार्ड 15 से सुभाष पटेल विजयी हुए है इन्होंने भाजपा से अपने वार्डो में टिकट की मांग की थी टिकट नही मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इन्होंने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की ।
वार्ड 14 से से भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती प्रवीण ओमप्रकाश द्विवेदी को पराजित कर जीत हासिल करने वाली निर्दलीय प्रत्याशी श्रीमती कंचन गजेंद्र सिंह अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार है , सूत्रों की माने तो कंचन गजेंद्र सिंह के साथ 3 से 4 निर्दलीय है और भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस में भी कंचन गजेंद्र सिंह के नाम पर सहमति बन सकती है गजेंद्र सिंह भाजपा में लगभग तीन दशक से सक्रिय रहकर राजनीति करते रहे है और भाजपा के कद्दावर नेता रहे है श्री सिंह विद्यार्थी परिषद , युवा मोर्चा से लेकर भाजपा में पदाधिकारी रहे है उनके नाम पर भाजपा में भी सेंध लग सकती है और कंचन सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नगर की सत्ता पर काबिज हो सकती है । संभावन यह भी व्यक्त की जा रही है कि भाजपा गजेंद्र सिंह का निष्काशन समाप्त करके कंचन गजेंद्र सिंह को भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दे और भाजपा का जिला मुख्यालय की नगर पालिका में एक दशक से भी ज्यादा का सत्ता का अकाल समाप्त हो और भाजपा दो पंचवर्सीय बाद जिला मुख्यालय की सत्ता पर काबिज हो जाए ।