तो क्या वंशवाद के साए में होंगे अनूपपुर नगर पालिका चुनाव ?
( अनुपम सिंह )
नगरीय निकाय चुनावो का ऐलान हो चुका है प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों मे 6 जुलाई और 13 जुलाई को होंगे चुनावो की तारीख के एलान के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने चुनावो की तैयारियां प्रारम्भ कर दी है । वैसे प्रदेश में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होना है प्रदेश की कुछ सीटो में निर्दलीय व अन्य दल चुनावी गड़ित बिगाड़ सकते है , अनूपपुर जिले में नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों मे होंगे जिसमे अमरकंटक नगर परिषद के चुनाव प्रथम चरण यानी 6 जुलाई को होंगे और अनूपपुर व पसान नगर पालिका व नगर परिषद डोला, डूमर कछार और बनगवाँ में दूसरे चरण यानी 13 जुलाई को होंगे ।
इस बार नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे । यानी कि सभी वार्डो से चुने गए पार्षद... अध्यक्ष का चुनाव करेंगे । अनूपपुर नगर पालिका में होने वाले चुनाव में विभिन्न दल अपनी भागीदारी निभाएंगे लेकिन अनारक्षित वार्ड और अनारक्षित महिला वार्डो में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा और इनके बागियों के बीच होगा । जिस तरह अनारक्षित वार्डो से दोनों दलों के दावेदार सामने आ रहे है कम से कम उनकी संख्या देखकर तो लगता है कि इन वार्डो में दोनों दलों में बगावत को रोकना कठिन होगा । अनूपपुर में होने वाले चुनाव मे टिकट के दावेदारों को देखकर वंशवाद की छाया भी दोनों दलों में नजर आ रही है , कांग्रेस से नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी श्रीमती उषा त्रिपाठी और नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके प्रेम कुमार त्रिपाठी जो वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश सचिव है उनके पुत्र आशीष त्रिपाठी और उनके भतीजे मयंक त्रिपाठी वार्ड नं 7 से पार्षद के टिकट के लिए दावेदार है । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संतोष अग्रवाल भी वार्ड 7 से टिकट के लिए मजबूत दावेदार है ।
वही भाजपा से पार्षद की टिकट के लिए दिवंगत नेता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश द्विवेदी की पत्नी श्रीमती प्रवीण द्विवेदी वार्ड 14 से उनके पुत्र वेद द्विवेदी वार्ड 11 से और उनकी पुत्री रेखा अभय पाण्डेय वार्ड 12 से दावेदारों की सूची में शामिल है । जबकि वार्ड 11 से प्रवीण सिंह जिताऊ प्रत्याशी हो सकते है प्रवीण सिंह पूर्व में भी परिषद में वार्ड का नेतृत्व कर चुके है, वार्ड 12 में रेखा अभय पांडेय निश्चित रूप से टिकट की मजबूत दावेदार है, रेखा अभय पांडेय पूर्व में निर्दलीय के रूप वार्ड से विजयी हो चुकी है । जबकि वार्ड 14 से कंचन गजेंद्र सिंह टिकट की मजबूत दावेदार और जिताऊ प्रत्याशी है ।
दोनों ही दलो के राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व वंशवाद को बढ़ावा देने के पक्ष में न होने का लगातर दावा कर रहे है , कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में एक परिवार से एक टिकट देने की बात की जा रही है तो वही भाजपा तो अपने आप को वंशवाद की मुखर विरोधी के रूप में पेश करती रही है , हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मध्यप्रदेश के दो दिन के दौरे पर आए थे और उन्होंने कार्यकर्ताओ को साफ संदेश दिया है कि मंत्री और नेता पुत्रो को पार्टी टिकट नही देगी ,उसके बाद भी यदि भाजपा अनूपपुर नगर पालिका में वंशवाद को आगे बढ़ाने का जोखिम उठाती है तो पार्टी को फायदा कम नुकसान होने की आशंका ज्यादा है । पूर्व में अनूपपुर में भाजपा और कांग्रेस ने पार्टी को एक व्यक्ति, एक परिवार आधारित पार्टी बनाकर रख दिया था जिसका नतीजा यह है कि अनूपपुर के 3 से 4 वार्डो में भाजपा को मजबूत प्रत्याशी ढूडने में पसीना आ जायेगा ? भाजपा को अब अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा और परिवार वाद के साए से बाहर निकलना होगा और पार्टी की दूसरी पंक्ति के नेताओ को सामने लाना होगा और उन्हें नेतृत्व सौपना होगा हालांकि संगठन स्तर पर भाजपा ऐसा करते हुए भी नजर आ रही है ,उसे अपने इस फार्मूले को अनूपपुर नगर पालिका चुनाव के टिकट वितरण में भी लागू करना होगा अन्यथा परिणाम पूर्व के दो पंचवर्षीय चुनाव की तरह ही आ सकता है ।