कार्मिक प्रबन्धक से श्रमिकों का मिलने का समय हो निर्धारित
कार्मिक प्रबन्धक को न देकर श्रमिक को दिया जा रहा चेतवानी पत्र
अनूपपुर/जमुना कोतमा :- एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत आमाडांड ओसीपी प्रबंधन की भ्रष्ट कार्य आचरण से पूरे क्षेत्र और कंपनी मे चर्चा का विषय बना हुआ है । खान के उपक्षेत्रीय प्रबन्धक और कार्मिक प्रबन्धक खान मे जमीन अधिग्रहण और कोयला उत्पादन मे ध्यान कम केवल कंपनी और श्रमिक का शोषण करने मे ज्यादा कार्य कर रहे हैं। नतीजा यह है कि क्षेत्र का उद्धार करने वाली आमाडांड ओसीपी खान बंद होने के कगार पर है । उपक्षेत्रीय प्रबन्धक के बंगले मे कई लाख वेतन के तीन कर्मचारी उनके परिवार कि सेवा मे तैनात होना कंपनी को जानबूझकर आर्थिक क्षति पहुचाया जाना जांच का विषय तो है ही साथ ही कार्मिक प्रबन्धक कि करतूतों का जांच कि मांग भी श्रमिक कर रहे है ।कार्मिक प्रबन्धक जो स्वयं कार्यस्थल से नदारद रहता है, जब इससे मिलने कार्यालय मे कोई श्रमिक किसी आवश्यक कार्य से जाता है तब यह कार्मिक प्रबन्धक या तो उपलब्ध ही नहीं होता या जब मिल भी जाता है तब अपनी कमी को छुपने के लिए श्रमिकों पर ही मनगढ़ंत आरोप लगाकर उपक्षेत्रीय प्रबन्धक से चेतावनी पत्र जारी करवा देता है । जिससे श्रमिक इसके विरुद्ध कही गुहार न लगा सके । एक कहावत है “सूपा हसे तो हसे चलनी क्या हसे “ जिसके स्वयं छतीस छेद हैं। घटना यह है कि एक श्रमसंघ प्रतिनिधि जब कार्मिक प्रबन्धक से छह माह से लंबित एक मृत श्रमिक कि विधवा कि पेंशन कार्यवाही की लंबित स्थिति के बारे जानने इनके कार्यालय गए तो पता चला कार्मिक प्रबन्धक महोदय 11 बजे के बाद ही कार्यालय आते है और मिलने पर चर्चा करना चाहा तो श्रमिक प्रतिनिधि को ही डांट फटकार भागा दिया । बाद मे कार्यालय मे कार्यस्थल छोडकर आने का प्रकरण बना उपक्षेत्रीय प्रबन्धक से झूठा शिकायत कर श्री राम जपन पटेल को चेतावनी पत्र जारी करवा दिया कि आप कार्यस्थल छोडकर कार्यालय आए थे । प्रबंधन को शर्म आना चाहिए कि एक श्रम संघ पदाधिकारी कार्मिक प्रबन्धक से मिलने जाएगा कि नहीं। रही दूसरी बात क्या कार्मिक प्रबन्धक ने आज तक ऐसा कोई आदेश या पत्र या सूचना जारी किया है कि फला समय फला दिन ही कार्यालय मे आकर श्रम संघ पदाधिकारी मिल सकते हैं । इसलिए खान के श्रमिक मांग कर रहे है कि कार्मिक प्रबन्धक खान के सूचना पटल मे सूचना चशपा करें कि कब , कितनी समय कौन मेरे से मिलने खान कि पाली के अनुसार आ सकता है और स्वयं के बाहर रहने या छुट्टी मे होने कि भी सूचना नियमित सूचना पटल मे चस्पा करें, ताकि भविष्य मे कोई भी श्रमिक या संघ पदाधिकारी को इस तरह का पत्र जारी न हो । यदि स्वयं कार्मिक प्रबन्धक बिना सूचना के कार्यालय से बाहर रहते हैं तब उपक्षेत्रीय प्रबन्धक कार्मिक प्रबंधन को पत्र देकर इनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही करें । परंतु ऐसा होगा नहीं क्योकि खान के समस्त प्रबंधन को पता है कि यह कार्मिक प्रबन्धक न तो समय से कार्यालय आता है और गायब रहता है । उपक्षेत्रीय प्रबन्धक को जो चेतावनी पत्र कार्मिक प्रबन्धक को देना चाहिए वह पत्र एक कठोर मेहनती कार्य के प्रति ईमानदार श्रमिक को दिया जाता है । यही है अंधेर नगरी और चौपट राजा ।