उम्र दराज मादा सेही शेरू ने तोड़ा दम
अनूपपुर :- वन परिक्षेत्र जैतहरी के तिलमनडाड बीट एवं गांव के निवासी कैमला कोल के घर में विगत 21 वर्षों से पल रही है शाकाहारी वन्यप्राणी मादा सेही जिसे शेरू के नाम से पुकारा जाता रहा है कि विगत दिनों बीमारी के कारण घर में मौत हो गई मादा स्याही के मौत की खबर केमला कोल द्वारा वन विभाग को दिए जाने पर प्रारंभिक कार्यवाही करते हुए अंतिम संस्कार किया गया ज्ञातव्य है कि ग्राम तिलमनडाड निवासी केमला कोल की पत्नी अपनी छोटी बच्ची सुनीता कोल को लेकर 21 वर्ष पूर्व गांव के नजदीक जंगल में बकरी चराने तथा पत्ता तोड़ने गई रही उसी दौरान पुत्री सुनीता को एक चिड़िया के रूप में पक्षी दिखी जिसे कौतूहल वस सुनीता अपने साथ में रखकर घर जाकर उसका लालन-पालन करती रही है 4-5 माह व्यतीत हो जाने बाद जब वह बड़ी होने लगी तो कांटे निकलने लगे जिससे लोगों को दिखाए जाने पर वह शाकाहारी वन्यप्राणी सेही रही है जिसकी जानकारी वन विभाग को पूर्व पदान किया गया जिसे अनेकों बार वन विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों द्वारा स्वतंत्र विचरण हेतु जंगलों में छोड़ा गया लेकिन कुछ दिन बाद पुनः मादा सेही केमला कोल के घर वापस आ जाती रही जिसके बाद से केमला कोल एवं उसका परिवार निरंतर मादा सेही जिसे शेरू के रूप में पुकारते रहे को अपने पास रख पाल कर परिवार के सदस्य की तरह देखरेख खाना-पीना कराते रहे हैं 21 वर्षों मे अनेकों बार वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़े लोगों ने केमला कोल के घर जाकर उसे देखा रहा है विगत एक माह से मादा सेही सेरू की उम्र दराज हो जाने के कारण तबीयत खराब रहती थी जिसे वन विभाग एवं परिजनों द्वारा समय-समय पर पशु चिकित्सा अधिकारियों को दिखाकर उपचार कराया जाता रहा है इसी दौरान 27 अप्रैल की सुबह मादा सेही शेरू ने दम तोड़ दिया जिसकी जानकारी केमला कोल द्वारा परिक्षेत्र सहायक गोरसी शिवचरण पुरी दीप्ति तिलमनडाड बीट गार्ड मेवालाल रौतेल बीट गोरसी बीटगार्ड ओंकार सिंह को दिए जाने पर वन अधिकारी-कर्मचारी केमला कोल के घर पहुंच कर मृत मादा सेही शुरू का पंचनामा तैयार कर अपनी उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया।
रिपोर्ट शशिधर अग्रवाल अनूपपुर