राजनैतिक कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण वर्ग -- भाजपा ने बदले राजनीति के मायने
समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति की मजबूती के लिये कार्य करेगी पार्टी
( मनोज कुमार द्विवेदी, अनूपपुर- मप्र )
21 वीं सदी के भारतीय लोकतांत्रिक राजनैतिक परिदृश्य में हो रहे परिवर्तन एकदम स्पष्ट मायने हैं। राजनीति दलों को जनता का साफ संदेश है कि साठ दशक पुराने ढर्रे के लिये अब कोई जगह शेष नहीं है। समय के साथ कार्यकर्ताओं और राजनैतिक दलों को अपनी कार्य प्रणाली,अपने उद्देश्य और पार्टी की विचारधारा में समन्वय स्थापित करके सकारात्मक और संरचनात्मक बदलाव करना होगा। जो दल इसके लिये मानसिक रुप से तैयार हो कर बदलाव की अपेक्षाओं को पूरा कर पाएगें , वही भविष्य की राजनीति में टिक सकेगें। शायद भारतीय जनता पार्टी ने समय रहते इस मूल विषय को आत्मसात कर लिया है। यही कारण है कि विभिन्न राज्यों में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग के आयोजन के बाद जिला स्तर पर जिला कार्य समिति एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग लगाया गया है।*
*नर्मदा की उद्गम नगरी अमरकंटक में 3 -- 5 दिसम्बर 2021 तक भारतीय जनता पार्टी का जिला स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर आयोजित कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग के अंतिम दिन 5 दिसंबर को अंतिम पन्द्रहवें सत्र के ठीक पूर्व वर्ग में शामिल कार्यकर्ताओं को म प्र भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने संबोधित किया। लगभग 55 मिनट की प्रश्नोत्तर शैली में सीधा संवाद करते हुए श्री भगत ने कार्यकर्ताओं को जो स्पष्ट और दो टूक संदेश दिये उसका निहितार्थ सिर्फ यही था कि स्वयं के आचरण में उतारे बिना हर तरह की नैतिक शिक्षा बेकार होती है। अंतिम स्तर के व्यक्ति की सच्ची सेवा ,उसका उत्थान करके ही भारत को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया जा सकता है। भाजपा कार्यकर्ता इसके लिये स्वयं को परिमार्जित और प्रशिक्षित कर बूथ स्तर पर जाकर सीधे लोगों के दिलों को जीतने की कोशिश करें।*
2014 के बाद भारतीय राजनीति दो ध्रुवों में बंटती दिख रही है। भाजपा के विरुद्ध समय - समय पर किये गये महागठबंधन के प्रयोग विफल रहे हैं। वैचारिक और संगठनात्मक रुप से मजबूत भाजपा के विस्तार को रोकना विपक्ष के लिये लगभग असंभव लग रहा है। कांग्रेस, सपा, बसपा, वाम दल जहां अपने कुनबे को बिखरने से बचाने की जद्दोजहद में हैं तो दूसरी ओर भाजपा अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह , उर्जा का संचार करने के लिये प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन कर बढत हासिल करने के मूड में है।
दिसम्बर माह के प्एथम दो सप्ताह में मध्यप्रदेश के सभी जिलों में तीन दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यशाला के कुल 15 सत्रों में अलग- अलग विषयों पर अन्य जिलों के वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
प्रथम दिवस उद्घाटन कार्यक्रम उपरान्त राजनीति प्रस्ताव प्रस्तुत करके केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा करवाए गये जन कल्याणकारी कार्यों के लिये धन्यवाद देते हुए कोविड से अपने प्राण गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि प्रदान की। *पन्द्रह सत्रों में विभिन्न जिलों के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मुख्य वक्ता के रुप में बूथ विस्तारक योजना, भाजपा के इतिहास एवं विकास, व्यक्तित्व विकास, बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा का दायित्व और भाजपा के वैशिष्ट्य की समझ, भारत की मुख्य विचारधाराएं -- हमारी विचारधाराएं , सोशल मीडिया की समझ, मध्यप्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ, हमारा विचार परिवार, भारत -- वैश्विक परिदृश्य, पिछले सात वर्षों में अंत्योदयी पहल, अपनी कार्य पद्धति और संगठन संरचना में हमारी भूमिका, भारत का बढता सुरक्षा सामर्थ्य , 2014 के बाद आया युगांतरकारी परिवर्तन एवं आत्मनिर्भर भारत जैसे महत्वपूर्ण विषय पर तथ्यात्मक विचार प्रस्तुत किये।*
जिला कार्य समिति के पदाधिकारियो और जिले के वरिष्ठ नेतागण इन प्रशिक्षण शालाओं में अनुशासित प्रशिक्षुओं की तरह शामिल हुए। इन्हे संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को भूमिका का निर्वहन करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन 18 - 18 घंटे मेहनत करते हैं। प्रत्येक कार्यकर्ता को उनका अनुशरण करना होगा। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रहे ! कि पार्टी के कारण हम हैं , हमारे कारण पार्टी नहीं । *पार्टी में सबका सम्मान होना चाहिये लेकिन यह व्यक्तिगत सम्मान भी राष्ट्र से बढ कर नहीं हो सकता। जब बात राष्ट्रीय हितों की हो तो हमें आपस के छोटे मोटे विवाद और व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर उठ कर , एक जुट हो कर कार्य करना होना। सुहास जी ने कहा कि सभी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को वैचारिक रुप से सक्षम, सबल और जागरूक बनाने की जरुरत है। हमारी कथनी और करनी में बिल्कुल अन्तर ना हो। *सभी गरीब बन्धु मेरे अपने हैं और मै उनका हूँ....यह भावना हमेशा बनी रहनी चाहिये।*
श्री भगत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केवल राजनैतिक दल नहीं है। हम केवल चुनाव जीतने की मशीन नहीं हैं, ना ही केवल चुनाव जीतने के लिये प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया जाता है। भारत का रास्ता बहुत कठिन है और इसी तरह पार्टी का रास्ता भी सरल नहीं है। हमें स्वयं को श्रेष्ठ बनाना होगा। स्वयं को प्रकृति संरक्षण, जल संरक्षण , अंत्योदयी योजनाओं से जोड़ कर इसका लाभ जरुरत मंद तक पहुंचाना होगा। बातें करने से अधिक कार्य करने का जतन करना होगा।
उन्होंने चेताया कि 2018 में पन्द्रह महीने की कांग्रेस सरकार के बहुत से अवगुण हमारे कार्यकर्ताओं में आ गये हैं। कृत्य छुपते नहीं हैं , हमारे सामने आ ही जाते हैं। कांग्रेस शैली की राजनीति बिल्कुल नहीं चलेगी। भाजपा की शैली धरना, प्रदर्शन ,धमकाने की नहीं है। हम सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना के साथ सात्विक, आग्रह, अनुरोध की राजनीति के पक्षधर हैं । यह देखें कि जरुरतमन्दों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं ? गरीबों की चिंता हमें करना होगा । हमारी पार्टी गरीबों की पार्टी है। हम आत्म चिंतन करें, दूसरों के कृत्यों का विश्लेषण ना करें।
प्रदेश महामंत्री ने कहा कि हमें 51 % से अधिक मत हासिल करने हैं तो बूथ स्तर पर जाकर हितग्राहियों , बूथ समितियों से सतत संपर्क करना होगा। सत्ता सेवा है, समाज परिवर्तन का माध्यम है। भाजपा सरकारें जीवन में स्थायी सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिये कार्य कर रही है। कार्यकर्ता ध्यान दें कि गांव में ,आपके वार्ड में कौन बाहरी लोग आ रहे हैं । आन्तरिक मजबूती लाने के लिये सबको एक सूत्र में आना होगा। देश की मजबूती के लिये अन्त्योदय जरुरी है। सुहास जी ने याद दिलाया कि कोरोना काल में भारतीय जनता पार्टी अकेली पार्टी थी जो बिना डरे लाकडाउन में लोगों की सेवा के लिये कार्य कर रही थी।
सबसे अन्त में ....लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों में संगठनात्मक , विचारधारात्मक,सक्षम नेतृत्व के लिये द्वंद चल रहा हो तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं का आवासीय प्रशिक्षण शिविर सफलता पूर्वक आयोजित करके बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सकारात्मक, सेवात्मक, अन्त्योदयी राजनीति के लिये तैयार कर रही है। यह दशकों से देश की राजनीति में संतुष्टि करण, छद्म धर्म निरपेक्षतावादी, वोट बैंक की चुनावी राजनीति से अलग , देश के गरीब ,जरुरतमन्दों से जुडकर ,उन्हे जोड़ कर ,उनके लिये ,उनके हितों के साथ + देश को मजबूत बनाने , विस्मृत आत्म सम्मान को जाग्रत करने की 21 सदी की राजनीति की ओर अग्रसर है। भारत माता की जय*