भगवतशरण माथुर के निधन पर भाजपा द्वारा व्यक्ति की गई शोक संवेदना दी गई श्रद्धांजलि
अनूपपुर :- अपने जीवन के हर क्षण को भारतीय जनता पार्टी परिवार के लिए समर्पित करने वाले ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी का अचानक निधन हो जाने से संगठन के हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी को गहरा आघात पहुंचा है भाजपा कार्यालय अनूपपुर में पार्टी के पूर्व प्रदेश सह संगठन महामंत्री भगवतशरण माथुर के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें पार्टी के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने श्री माथुर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक प्रकट किया मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह शहडोल सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामलाल रौतेल रामदास पुर भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम सुदामा सिंह जितेंद्र सोनी गजेंद्र सिंह सहित भाजपा के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने श्री माथुर के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया और भाजपा के लिए बड़ी क्षति बताया और कहा कि श्री माथुर भले ही देश और प्रदेश की राजनीति में जीवन का अमूल्य समय दिया है लेकिन उनका स्नेह और प्यार सबसे अधिक अनूपपुर जिले से रहा है और वह अनूपपुर जिले को अपना घर और परिवार मानते रहे हैं उनका अचानक चले जाना पार्टी के हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी के लिए गहरा आघात पहुंचा है मध्य प्रदेश के पूर्व सह संगठन महामंत्री भगवतशरण माथुर का 14 दिसंबर 2021 को दुखद निधन हो गया। उनके निधन की खबर से समूचे भाजपा परिवार में शोक व्याप्त हो गया है।
भगवत शरण माथुर का जन्म 13 अप्रैल 1951 को ग्राम तलेन जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश में हुआ था। भगवत शरण जी 1975 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक निकले। श्रद्धेय बालासाहेब देवरस, सुदर्शन जी, बाबासाहेब नातू और कुशाभाऊ ठाकरे जैसे मूर्धन्य व्यक्तियों के साथ उन्होंने कार्य किया। वह उज्जैन ,शाजापुर और रतलाम जिलों में जिला प्रचारक रहे ।श्री माथुर 1994 से भारतीय जनता पार्टी के कार्य में जुट गए ।
वह मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सह संगठन महामंत्री तथा हरियाणा में संगठन मंत्री रहे। आपातकाल के दौरान उन्हें 19 महीने का कारावास हुआ। श्री माथुर संगठन के लिए संपूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने वाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने समाज हित में अपनी पैतृक संपत्ति नर्मदे हर सेवा न्यास की स्थापना के लिए दान कर दी। यह न्यास वनवासी क्षेत्रों में समाज सेवा के कई प्रकल्प निशुल्क चला रहा है अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संगठन भी रहे।