धान के अवैध परिवहन/भण्डारण पर सख्त कार्यवाही के कलेक्टर ने जारी किए निर्देश
सीमावर्ती चेकपोस्ट/नाकों पर धान के परिवहन की होगी सघन जांच
अनूपपुर :- आगामी 29 नवम्बर 2021 से शासन द्वारा पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। खरीफ उपार्जन के समय बिचौलियों/दलालों द्वारा उपार्जन केन्द्रों में किसानों के नाम पर धान का फर्जी तरीके से विक्रय कर अवैध लाभ अर्जित कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जाती है जिस पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने धान के अवैध परिवहन व भण्डारण की सघन जांच कर कार्यवाही के निर्देश जारी किए हैं, जिसमें पुलिस, राजस्व, वन, कृषि, सहकारिता, परिवहन तथा खाद्य विभाग एवं कृषि उपज मण्डियों को सघन निरीक्षण कर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकपोस्ट/नाकों में पड़ोसी राज्यों व जिलों से अवैध रूप से परिवहन होने वाली धान का सघन निरीक्षण करने तथा संदिग्ध अथवा अवैध पाए जाने पर वाहन सहित जब्त कर आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही गैर कृषक व्यक्ति के द्वारा बिना अनुज्ञा पत्र/मण्डी शुल्क रशीद व निराश्रित रशीद के धान का परिवहन व भण्डारण पाए जाने पर अवैध मानी जावेगी, जिसे भी नियमानुसार अवैध होने के कारण जब्त किए जाने की कार्यवाही की जावेगी। इसके लिए कलेक्ट्रेट में कक्ष क्र. 95 में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका मोबाइल नम्बर 9009842335 है। जिसमें कोई भी व्यक्ति धान के अवैध परिवहन एवं भण्डारण संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकता है। साथ ही कृषि उपज मण्डी के सचिवों व सहायक उप निरीक्षकों को समस्त पंजीकृत व्यापारियों के स्टॉक की साप्ताहिक रूप से सत्यापन करने व धान का अवैध भण्डारण पाए जाने पर नियमानुसार सिविल कोर्ट में प्रकरण दर्ज किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है, जिसमें छः माह तक की सजा के प्रावधान है। हाल ही में तहसील अनूपपुर अंतर्गत ग्राम छिल्पा निवासी कमलेश साहू पिता गोपदास साहू व अभिमन्यु पिता रमेश साहू के घर अवैध रूप से धान भण्डारित पाई गई, जिसमें कृषि उपज मण्डी के संभागीय उड़नदस्ते एवं पुलिस विभाग द्वारा छापामार कार्यवाही की जाकर धान जब्त कर मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 19 व धारा 31 के तहत प्रकरण दर्ज कर क्रमशः 78 हजार 875 रुपये व 13 हजार 905 रुपये दण्डित मण्डी शुल्क वसूली की कार्यवाही की गई है। गैर कृषक द्वारा धान के परिवहन के लिए कृषि उपज मण्डी द्वारा अनुज्ञा पत्र जारी किया जाता है जिसकी वैद्यता जारी समय से 72 घंटे तक होती है, साथ ही गैर कृषक द्वारा धान के वैद्य भण्डारण के लिए कृषि उपज मण्डी द्वारा मण्डी शुल्क रशीद व निराश्रित रशीद जारी की जाती है, इसके अतिरिक्त यदि गैर कृषक द्वारा धान का परिवहन या भण्डारण किया जाता है तो अवैध माना जावेगा। शासन द्वारा धान के अवैध परिवहन के प्रकरणों में गाड़ियों को जब्त तथा स्कंध को राजसात करने की कार्यवाही के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अवैध परिवहन / किसानों के नाम पर धान बेचने में सम्मिलित व्यक्तियों / दलालों / परिवहनकर्ता / अधिकारी / कर्मचारियों के विरुद्ध कालाबाजारी आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, भारतीय दण्ड संहिता एवं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के प्रावधान अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।