स्वयं भू गणेश जी के कटोरे में लड्डू भरने से होती है मनोकामना पूर्ण
"अनुपम सिंह अनूपपुर"
अनूपपुर :-जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर अमरकंटक मार्ग में मैकल पर्वत पर स्थित ग्राम धरहर के प्राचीन मंदिर में विराजित स्वयं भू गणेश जी की प्रतिमा की अलग अलग मान्यताएं है । माना जाता है कि गणेश जी के एक हाथ मे एक कटोरा है और उस कटोरे में सवा किलो लड्डू ही आता है और जो भी भक्त उस कटोरे में सवा किलो लड्डू भरकर मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होती है । धरहर गणेश मंदिर को अमरकंटक का प्रवेश द्वार भी माना जाता है ।
धरहर गणेश मन्दिर के वर्तमान पुजारी सुखनंदी बाबा ने बताया कि 50 वर्ष से ज्यादा से तो मैं गणेश जी चमत्कारों को देख रहा हु , गणेश जी की यह प्रतिमा कितनी पुरानी है कोई नही जानता , वर्षो पूर्व रेत और मिट्टी के बीच यहाँ प्रतिमा दिखाई दे रही थी मिट्टी और रेत को हटाने पर यह गणेश जी की प्रतिमा थी जिसे उसी स्थान पर स्थापित किया गया और उस समय यह प्रतिमा थोड़ी तिरछी थी जिसे सीधा करने का बहोत प्रयाश किया गया लेकिन प्रतिमा तिरछी ही रही कुछ वर्सो बाद गणेश जी की प्रतिमा अपने आप सीधी हो गई ।
गणेश जी की यह प्रतिमा ऐतिहासिक है , इनकी उचाई 6 फिट से ज्यादा है इनके सामने जब भी कोई भक्त आता है चाहे उसकी उचाई प्रतिमा से ज्यादा भी हो तब भी वह प्रतिमा के सामने छोटा ही दिखाई देता है और यह प्रतिमा खड़ी स्थिति में है और कमल के फूल पर खड़ी है।गणेश जी की प्रतिमा के एक हाथ में पुस्तक है और दूसरे हाथ मे कटोरा है जिसमें लड्डू भरने से मांगी गई मन्नत पूरी होती है ।
स्थानीय निवासी दिनेश पाठक ने बताया की धरहर मंदिर में विराजित गणेश जी की प्रतिमा को लेकर अलग मान्यताएं है जिसमे गणेश जी की प्रतिमा के हाथ में एक कटोरा है जिसमे लड्डू भरने से भक्तो की मांगी हुई मन्नते पूरी होती है और गणेश जी की प्रतिमा की उचाई को लेकर मन जाता है कि जब भक्त प्रतिमा के सामने खड़े होते है और भक्त की उचाई प्रतिमा से ज्यादा भी हो तब भी उसकी उचाई गणेश जी की प्रतिमा से कम ही दिखाई देती है । सभी भक्तो की अपनी अपनी मान्यता और विश्वास है और इसी मान्यता और विश्वास को लेकर भक्त यहाँ दर्शन करने और मन्नत मांगने आते है ।